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CM बनने को उतावला नहीं, राहुल चाहेंगे तो सिंधिया को मिलेगी कुर्सी: कमलनाथ

मध्य प्रदेश कांग्रेस चीफ कमलनाथ ने कहा कि अगर सिंधिया सीएम बनेंगे तो वो उनके साथ मिलकर काम करेंगे

FP Staff

मध्य प्रदेश में जबसे चुनावी समर शुरू हुआ है और कांग्रेस पूरे दमखम से शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ हुंकारें भर रही है, तबसे एक सवाल लगातार सिर उठाए हुए हैं. अगर चुनावों में कांग्रेस जीतती है, तो किसे मुख्यमंत्री बनाएगी- पार्टी के प्रदेश चीफ कमलनाथ को या युवा चेहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया को? पार्टी के एक धड़ा अभी भी कमलनाथ के पीछे जाना चाहता है तो वहीं कुछ लोग अब बागडोर सिंधिया के हाथों में देखते हैं.

अब कमलनाथ ने खुद मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की भूख नहीं है. अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चाहेंगे तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ही सीएम बनेंगे.


नेटवर्क18 के प्रोग्राम एजेंडा के तहत भोपाल में हुए कार्यक्रम में कहीं. उन्होंने कहा, 'मुझे मुख्यमंत्री बनने की भूख नहीं है. मुझे भूख है तो बस इस बात की कि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे. मुझे भूख है तो इस बात की कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने.'

कमलनाथ ने कहा कि 'अगर पार्टी सत्ता में आई और अध्यक्ष राहुल गांधी कहेंगे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें, तो वो जरूर बनेंगे. हम सिंधिया के साथ मिलकर काम करेंगे.'

कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान की सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश में शिवराज सरकार से हर वर्ग परेशान है. किसान, महिलाएं, युवा सब दुखी हैं. मध्य प्रदेश महिला विरोधी अपराध, कुपोषण, किसान आत्महत्या सबमें सबसे आगे है.

उन्होंने कहा, 'शिवराज के राज में जो तस्वीर है वो दुखद है.. शिवराज बताएं छिंदवाड़ा में कितने लोगों का भला किया. पर्दे के पीछे से, गुमराह करने से कोई विकास नहीं होता. उसका नक्शा होता है, हमें उस पर चलना होता है.' कमलनाथ ने दावे से कहा, 'हम तो मध्य प्रदेश में लैंड कर चुके हैं और अब हमारी ही सरकार मध्य प्रदेश में बनेगी.'

कमलनाथ ने कहा 'हमारे पास बीजेपी से ज्यादा निष्ठावान कार्यकर्ता हैं और हम उनके दम पर मध्य प्रदेश में सरकार बनाएंगे. हमारा मुकाबला बीजेपी के धनबल से है.'

वचन पत्र में संघ के मुद्दे को लेकर घिरे कमलनाथ ने कहा कि आरएसएस पर बैन लगाने की ना तो पार्टी की मंशा है और ना ही उनका मन है. वो धर्म पर राजनीति नहीं करेंगे.

कमलनाथ ने इस बात को सिरे से खारिज किया कि कांग्रेस में शक्ति का केंद्र गांधी परिवार है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने 10 साल में कभी उनके मंत्रालय के काम में हस्तक्षेप नहीं किया.

इसी कार्यक्रम में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि कांग्रेस में वंशवाद की राजनीति है और एक ही परिवार शक्ति का केंद्र है. शाह ने कहा था कि कांग्रेस की गलतियों की वजह से ही बीजेपी इतनी आगे बढ़ पाई है.