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मध्य प्रदेश में राजनीति का पारा उफान पर, कांग्रेस की टिकट पर होशंगाबाद से सरताज सिंह उम्मीदवार

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने पांचवी और आखिरी लिस्ट जारी कर दी. कांग्रेस की यह लिस्ट इसलिए खास है क्योंकि इसमें सरताज सिंह को होशंगाबाद से टिकट दिया गया है.

FP Staff

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों में जोश भरपूर देखा जा रहा है. चुनाव को लेकर जैसे-जैसे पार्टियां उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही हैं, वैसे ही राजनीतिक पारा भी बढ़ता जा रहा है. इस बीच मध्य प्रदेश की राजनीति में सरताज सिंह का नाम काफी सुर्खियां बटोर रहा है. एमपी कांग्रेस ने प्रत्याशियों की 5वीं सूची जारी की है और इसमें सरताज सिंह को होशंगाबाद से टिकट मिला है. ये वही सरताज सिंह है जिन्होंने बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ते हुए साल 1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह को हराया था.

मध्य प्रदेश की राजनीति में होशंगाबाद में रोज नए समीकरण बन रहे हैं. हालांकि अब होशंगाबाद विधानसभा में घटे राजनीतिक घटनाक्रम ने एक बार फिर सबको चौंका कर रख दिया. दरअसल, भाजपा के कद्दावर नेता और जनसंघ के जमाने से भाजपा की रीति नीति अपनाकर चलने वाले सरताज सिंह ने पार्टी से किनारा करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया है. जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें होशंगाबाद विधानसभा से अधिकृत प्रत्याशी बनाकर चुनावी रण में उतार दिया है. इसके पहले बीजेपी के अजेय योद्धा सरताज सिंह को पार्टी से विधानसभा चुनाव में टिकिट नहीं मिलने के चलते सरताज सिंह भावुक हो उठे थे.


कौन हैं सरताज सिंह?

मध्य प्रदेश की राजनीति में सरताज सिंह काफी मुख्य नेता माने जाते हैं. 1991-94 तक बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे.  1995-99 तक बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे. 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे. वहीं 1989 से 2004 तक सरताज सिंह लगातार लोकसभा के सदस्य चुने गए. साल 2008 में सरताज सिंह राज्य की 13वीं विधानसभा के लिए चुने गए और वन मंत्री बने. वहीं साल 2013 में दूसरी बार विधानसभा के लिए चुने गए और पीडब्ल्यूडी मंत्री बने. वहीं जून 2016 में 70 प्लस फॉर्मूले के चलते मंत्री पद छोड़ना पड़ा.