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मध्य प्रदेश: सत्ता में वापसी करने के लिए टोटके भी कर रहे राहुल गांधी

राहुल गांधी की रैलियों से कांग्रेस का ग्राफ जितना बढ़ता नहीं है, उससे ज्यादा उनके बयानों से गिरने लगता है

Dinesh Gupta

मध्यप्रदेश में सत्ता का वनवास समाप्त करने के लिए लगातार मंदिर-मंदिर मत्था टेक रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैलियों से कांग्रेस का ग्राफ जितना बढ़ता नहीं है, उससे ज्यादा उनके बयानों से गिरने लगता है. राहुल गांधी अपने इस चुनाव अभियान में विवादों से बचने के लिए टोने-टोटके करते भी नजर आ रहे हैं. उज्जैन के महाकाल मंदिर में उन्होंने चांदी से बना नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाया तो इंदौर में बड़ा गणपति के समक्ष गदा अर्पित की. इसके बाद भी विवाद राहुल का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं. उनके भ्रम ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस पर हमला बोलने का मौका दे दिया है.

कालसर्प दोष का निवारण करता है नाग-नागिन का जोड़ा?


उज्जैन, क्षिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ है. बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकाल का मंदिर यहां है. ज्योतिषों की यह मान्यता है कि महाकाल को चांदी से बना नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है. यह माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उसे सफलता मुश्किल से मिलती है. उज्जैन में राहुल गांधी ने नाग-नागिन का जोड़ा महाकाल को समर्पित किए जाने के बाद इंदौर के बड़ा गणपति में गणेश जी को गदा अर्पित की. ऐसी मान्यता है कि गणेश जी को गदा अर्पित करने से मनोकामना पूरी होती है.

राहुल गांधी इन टोटकों के बाद भी विवादों से नहीं बच पा रहे हैं. अपनी मालवा-निमाड अंचल की यात्रा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे का नाम पनामा पेपर में होने का जिक्र कर वे नए विवाद में फंस गए. जबकि पनामा पेपर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे का नाम सामने आया था. शिवराज सिंह चौहान और उनके किसी बेटे का नाम राहुल गांधी ने अपने भाषण में नहीं लिया. लेकिन मामा मुख्यमंत्री कह देने से सीधे-सीधे शिवराज सिंह चौहान का नाम जुड़ गया. राहुल गांधी के इस बयान के बाद पूरी बीजेपी हमलावर हो गई है.

शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय ने भोपाल की अदालत में मानहानि का मुकदमा भी तत्काल पेश कर दिया. इससे पहले इंदौर में पत्रकारों के समक्ष राहुल गांधी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए मासूमियता से कहा कि मैं भ्रमित हो गया था, बीजेपी के घोटाले इतने ज्यादा हैं कि भ्रम हो जाता है. राहुल गांधी की इस सफाई के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि माफी मांगना है तो कोर्ट में मांगे. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस झूठे आरोप लगाते हैं, यह अपने आप सामने आ गया है.

सत्ता बनाने में होती है मालवा-निमाड़ की महत्वपूर्ण भूमिका

मध्यप्रदेश के कुल 52 जिलों में से पंद्रह जिले मालवा-निमाड़ अंचल में आते हैं. इस अंचल में विधानसभा की कुल 66 सीटें हैं. मालवा और निमाड़ अंचल को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इस अंचल में अनुसूचित-जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. धार-झाबुआ, बड़वानी जैसे जिले आदिवासी बाहुल्य हैं. रतलाम, मंदसौर-नीमच आदि जिले में पाटीदार निर्णायक भूमिका में होते हैं.

पिछले साल किसानों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग के बाद गुजरात के युवा नेता हार्दिक पटेल क्षेत्र के पाटीदार वोटरों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. राहुल गांधी ने किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा भी मंदसौर में ही की थी. वे अब हर राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान दस दिन में किसानों का कर्ज माफ करने का जिक्र कर रहे हैं.

अनुसूचित जाति वर्ग को साधने की कोशिश के चलते राहुल गांधी महू में डॉ.भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली पर भी गए. मध्यप्रदेश में सपाक्स द्वारा एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन के कारण अनुसूचित जाति वर्ग की चुनाव में भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है. एक साथ कई मुद्दे सामने होने के कारण कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शायद यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे धर्म की राह पर चलें या जातिगत समीकरण साधकर सत्ता तक पहुंचें. राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा कि मैं हिंदूवादी नेता नहीं हूं,हर धर्म को मानने वाला राष्ट्रवादी नेता हूं.

राहुल गांधी अपने चुनावी भाषण में राफेल घोटाले को ज्यादा समय दे रहे हैं. स्थानीय मुद्दों पर उनका फोकस कम है. राफेल के मुद्दे पर भी वे नया कुछ नहीं कह रहे हैं. इस कारण वोटर इस मुद्दे पर ज्यादा उत्साहित नजर नहीं आता है. व्यापमं घोटाले पर राहुल गांधी, शिवराज सिंह चौहान को अब तक घेर नहीं पाए हैं. उल्टा घोटाले से जुड़े गवालियर के बीजेपी नेता गुलाब सिंह किरार को राहुल गांधी ने मंगलवार को कांग्रेस की सदस्यता दिलाकर मामले को हल्का कर दिया है. किरार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदार होने के कारण काफी करीबी माने जाते हैं. उन्हें मंत्री का दर्जा भी दिया गया था.

सिंधिया के चेहरे को धीरे-धीरे ला रहे हैं आगे

राहुल गांधी की मालवा-निमाड़ अंचल के दौर में कुछ चेहरे आश्चर्यजनक तौर पर कहीं दिखाई नहीं दिए. इनमें से एक दिग्विजय सिंह ने दौरे से पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वे राहुल गांधी द्वारा सौंपे गए किसी अन्य कार्य में व्यस्त हैं. इंदौर के रोड़ शो में राहुल गांधी के साथ सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया ही खड़े नजर आ रहे थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इनके पीछे खड़े हुए थे.

राज्य में कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग लगातार सिंधिया को चुनावी चेहरा बनाने की मांग कर रहा है. चुनावी सर्वे भी शिवराज सिंह चौहान के मुकाबले में सिंधिया के चेहरे को ही महत्वपूर्ण मान रहे हैं. जबकि प्रदेश कांग्रेस के क्षत्रप मिलकर सिंधिया को घेरे हुए हैं. राहुल गांधी ने कहा कि कुछ क्वालिटी सिंधिया में हैं तो कुछ कमलनाथ के पास हैं. इस कारण हमने किसी व्यक्ति विशेष को अपना चेहरा नहीं बनाया है. राहुल गांधी के दौरे में कई मौकों पर यह भी देखा गया कि उन्होंने कमलनाथ के स्थान पर सिंधिया को महत्व ज्यादा दिया.