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मध्य प्रदेश चुनाव 2018: कंप्यूटर बाबा की नाराजगी शिव'राज' को पड़ न जाए भारी

विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कंप्यूटर बाबा अब शिवराज सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार में संतों का सम्मान नहीं होता

FP Staff

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसी साल अप्रैल में जब 5 संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया था तो उनके इस फैसले पर कई सवाल उठे थे. मगर चुनावी मौसम में उनका यही फैसला अब उनके लिए मुसीबत बनता दिख रहा है. इन्हीं में से एक नामदेव शास्त्री उर्फ कंप्यूटर बाबा शिवराज से नाराज हो गए हैं. उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

कंप्यूटर बाबा ने इसी महीने की शुरुआत में राज्य मंत्री के दर्जे से इस्तीफा दे दिया था. इसकी वजह उन्होंने राज्य सरकार पर धर्म और संत समाज की उपेक्षा का आरोप लगाया. उन्होंने शिवराज सरकार के गाय मंत्रालय (काउ मिनिस्ट्री) बनाने की घोषणा पर भी सवाल उठाए थे. इसके अलावा उन्होंने सरकार से नर्मदा मंत्रालय अलग से बनाने की भी मांग की थी.


विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कंप्यूटर बाबा अब शिवराज सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार में संतों का सम्मान नहीं होता. मंगलवार को उन्होंने प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में बीजेपी सरकार के खिलाफ हुंकार भरा. संतों के समागम में उन्होंने शिवराज सरकार को 'धर्म विरोधी' करार दिया. उन्होंने यह अपील करते हुए कहा कि 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को जड़ से उखाड़ दिया जाए.

इंदौर के बाद कंप्यूटर बाबा का 30 अक्टूबर को ग्वालियर, 4 नवंबर को खंडवा, 11 नवंबर को रीवा और 23 नवंबर को जबलपुर में संतों से मुलाकात करने का कार्यक्रम है.

नामदेव शास्त्री उर्फ कंप्यूटर बाबा

कैसे पड़ा 'कंप्यूटर बाबा' नाम? 

अनोखे कंप्यूटर बाबा नाम के पीछे वजह उनका इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के लिए प्रेम है. साथ ही उनके साथ हमेशा लैपटॉप का होना है. 2016 में उन्होंने सिंहस्थ महाकुंभ में मध्य प्रदेश सरकार की तैयारियों की कलई खोलकर रख दी थी. उन्होंने उज्जैन से लेकर दिल्ली तक सिंहस्थ में हुए सरकारी भ्रष्टाचार को उजागर किया था.

चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले कंप्यूटर बाबा अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. वो विशेष धार्मिक कार्यक्रमों में किराए के हेलिकॉप्टर से आते-जाते हैं. पिछले दिनों नर्मदा नदी के किनारे स्नान के लिए हेलिकॉप्टर से उतरने की इच्छा जाहिर करने के चलते वो खबरों में छाए रहे थे.