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झारखंड: मधु कोड़ा के चुनाव लड़ने पर 3 साल का प्रतिबंध

चुनाव के खर्चों की गलत जानकारी देने के कारण मधु कोड़ा को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दिया

FP Staff

झारखंड के पूर्व सीएम और जय भारत समानता पार्टी के संस्थापक मधु कोड़ा के चुनाव लड़ने पर चुनाव आयोग ने पाबंदी लगा दी है. कोड़ा अगले तीन साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

विधानसभा चुनावों के दौरान खर्च की गलत जानकारी देने के कारण चुनाव आयोग ने यह फैसला किया है. चुनाव आयोग ने 49 पन्नों के अपने फैसले में कोड़ा के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई है. इस फैसले पर मुख्य चुनाव आयुक्त ए के ज्योति और चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने साइन किया है. उन्होंने कहा है कि रीप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट की धार 10A के तहत कोड़ा को अयोग्य करार दिया गया है.


मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा जगन्नाथपुर विधानसभा से विधायक हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में मधु कोड़ा चाईबासा के मंझगांव विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे.

बाबूलाल मरांडी की सरकार में मधु कोड़ा पंचायती राज मंत्री थे. 2003 में अर्जुन मुंडा की सरकार में भी उन्हें इसी विभाग का भार मिला. 2005 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर मधु कोड़ा निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत हासिल की. किसी दल को बहुमत नहीं मिलने पर उन्होंने बाद में बीजेपी की अगुवाई वाली अर्जुन मुंडा सरकार को अपना समर्थन दिया.

सितंबर 2006 में कोड़ा और 3 अन्य निर्दलीय विधायकों ने मुंडा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया. जिसके चलते अल्पमत में आई बीजेपी की सरकार गिर गई. इसके बाद बनी कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में मधु कोड़ा को मुख्यमंत्री बनाया गया.

मुख्यमंत्री बनते वक्त मधु कोड़ा निर्दलीय विधायक थे. कोड़ा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत ऑल झारखंड स्टूडेंड यूनियन (आजसू) के एक कार्यकर्ता के तौर पर की थी.