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मक्का मस्जिद मामले में फैसला UPA सरकार के गाल पर तमाचा: विश्व हिंदू परिषद

आलोक कुमार ने कहा कि जब निर्दोष हिंदुओं को फंसाया जा रहा था और असल दोषी खुलेआम घूम रहे थे , उस वक्त पाकिस्तान सबसे खुशहाल देश था.

Bhasha

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए ) की विशेष अदालत की ओर से 2007 के मक्का मस्जिद धमाका मामले में सभी पांच आरोपियों को बरी करने के फैसले का स्वागत करते हुए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी ) ने इसे  पिछली ‘हिंदू विरोधी ’ यूपीए सरकार के ‘ गाल पर तमाचा ’ करार दिया है.


वीएचपी के कार्यवाहक अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष का प्रभार संभालने के बाद अपने पहले बयान में आलोक कुमार ने कहा , ‘अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस सरकार ने एक साजिश रची थी ताकि हिंदू आतंकवाद के नाम पर असल दोषियों को बचाया जा सके.’

उन्होंने यह भी कहा कि जब निर्दोष हिंदुओं को फंसाया जा रहा था और असल दोषी खुलेआम घूम रहे थे , उस वक्त पाकिस्तान सबसे खुशहाल देश था.

कुमार ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में हिंदुओं की स्थिति ‘दोयम दर्जे के नागरिक’ की हो गई थी.

मक्का मस्जिद मामले में 11 साल बाद आया फैसला

हैदराबाद के एक विशेष एनआईए (नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी) कोर्ट में सोमवार को मक्का मस्जिद धमाका मामले पर फैसला सुनाया गया था जिसमे कोर्ट ने असीमानंद समेत मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.

फैसला आने के बाद एक तरफ जहां बीजेपी राहुल गांधी और सोनिया गांधी को मांफी मांगने की मांग कर रही थी वहीं कांग्रेस ने एनआईए पर ही सवाल खड़े कर दिए थे.