बुधवार को साल 2018 का पहला चंद्रग्रहण है. 1866 के बाद पहली बार ऐसा संयोग बन रहा है, जब ब्लू मून, ब्लड मून और सुपर मून एक साथ देखे जाएंगे. वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्रियों के लिए यह एक आकाशीय घटना है, लेकिन कर्नाटक के राजनेता इसे महज एक आकाशीय घटना नहीं मानते.
कर्नाटक के नेताओं के मुताबिक, ब्लू मून, सुपर मून और ब्लड मून का एक ही दिन पड़ना शुभ संकेत नहीं है. वो इस घटना को अपने राजनीतिक भविष्य के लिए खतरा मान रहे हैं. इसे देखते हुए कर्नाटक में कुछ नेताओं ने चंद्रग्रहण के बुरे असर से बचने के लिए मंदिरों और अपने घरों में खास पूजा रखवाई है.
पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल एस के सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा और उनकी पत्नी चेन्नमा ने एक साथ आहुति भी दी. दोनों ने चंद्रग्रहण के अशुभ प्रभावों और बुरी नजरों से बचने के लिए प्रार्थना की है.
हालांकि, देवगौड़ा का कहना है कि हर महीने पूर्णमासी (पूर्णिमा) पर उनके घर पर सत्य नारायण की कथा और पूजा रखी जाती है. इसलिए आज पूजा रखने की कोई खास वजह नहीं थी.
देवगौड़ा ने कहा, 'मैं ईश्वर और हिंदुत्व में आस्था रखता हूं. पूजापाठ में मेरा भरोसा है'. पिछले महीने ही पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने घर पर 11 दिन का 'अथि रूद्र यज्ञ' हवन रखा था.
देवगौड़ा के अलावा कर्नाटक के मौजूदा सीएम सिद्धारमैया के आवास पर भी खास पूजा करवाई गई. बुधवार सुबह सिद्धारमैया मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक में व्यस्त रहे, इसलिए उनकी पत्नी पार्वती ने उनकी तरफ से सारी पूजा विधियों को निभाईं.
कर्नाटक में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदुरप्पा भी पूजा-पाठ और मंत्र-तंत्र में विश्वास करते हैं. लेकिन, चंद्रग्रहण पर उनके घर में ऐसी कोई खास पूजा नहीं हुई.