लखनऊ की एक अदालत ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर को साजिश कर बलात्कार के फर्जी मामले में फंसाने के प्रकरण में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा—211 और धारा—120 (बी) के तहत आरोप तय करने की तारीख 18 अगस्त तय की है.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) लखनऊ संध्या श्रीवास्तव ने प्रजापति की पूर्व न्यायिक हिरासत को निरस्त करते हुए उन्हें धारा 211 व 120बी आईपीसी में न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
साथ ही मामले में आरोप तय करने के लिए अगली सुनवाई 18 अगस्त को निश्चित की.
सीजेएम ने मंगलवार को ही इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मुक़दमा चलाए जाने के आदेश दिए थे और प्रजापति को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था.
24 जुलाई को दाखिल हुआ था चार्जशीट
लखनऊ पुलिस की अपराध शाखा ने 24 जुलाई को प्रजापति के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल कर दिया था.
अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि नूतन ने उन्हें और उनके पति को महिला आयोग के सदस्यों की सहायता से फर्जी फंसाने के प्रयास का आरोप लगाया था जिस पर पुलिस ने 13 जुलाई 2015 को अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी. इसे सीजेएम ने अपने 22 दिसंबर 2015 के आदेश द्वारा ख़ारिज करते हुए पुनार्विवेचना के आदेश दिए थे.
सीजेएम ने कहा था कि विवेचना से प्राप्त तथ्यों से प्रथम दृष्टया प्रमाणित है कि प्रजापति की भूमिका इस अपराध में थी. यद्यपि उनके खिलाफ धारा 467, 468, 471, 420, 203 आईपीसी का अपराध साबित नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि अमिताभ और नूतन के खिलाफ दर्ज कराए गए बलात्कार के केस की पत्रावली और इस केस के समस्त केस डायरी से प्रजापति के खिलाफ धारा 211 व 120बी आईपीसी में आरोप पर संज्ञान लेने के पर्याप्त आधार हैं..