बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) ने मायावती के नेतृत्व में 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है और ग्राउंड पर काम करना शुरू कर दिया है. बीएसपी अपने कार्यकर्ताओं को समझा रही है कि वीवीपीएटी मशीन सही काम कर रही है, इस बात को कैसे पहचाना जाए.
इसके अलावा वोटर लिस्ट पर नामों को अपडेट किया जा रहा है और कैसे संभावित हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण से सावधान रहना है, इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है. न्यूज18 के मुताबिक कोर एजेंडे को पूरा करने के लिए बीएसपी ने अपनी बूथ लेवल कमेटी का पुनर्गठन किया है और भाईचारा कमेटी का पुर्नोत्थान किया है.
पहले बीएसपी की हर बूथ लेवल कमेटी में 5 सदस्य होते हैं लेकिन अब 23 सदस्य होंगे. कमेटी का हर सदस्य 11 से 12 वोटों के लिए जिम्मेदार होगा जिससे सिंगल बूथ से करीब 250 वोट कवर होंगे. बूथ कमेटी और भाईचारा कमेटी अपनी फाइनल स्टेज में हैं और यह प्रक्रिया नवंबर आखिर तक पूरी हो जाएगी.
बीएसपी भाईचारा कमेटी पर भी फोकस कर रही है जोकि लोगों को हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण से अलर्ट करेगी. चुनाव से पहले यह कमेटी सांप्रदायिक तनाव के बारे में भी सचेत करेगी. बता दें कि बीएसपी ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया था.