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सीट बंटवारे पर कुशवाहा ने नरमी के दिए संकेत, शाह से हो सकती है मुलाकात

उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 66 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की

FP Staff

बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और बीजेपी के बीच बात नहीं बन पाई है. कुशवाहा ने इस संबंध में नरमी के संकेत दिए हैं.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार मंगलवार दोपहर केंद्रीय मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'हमने सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी को अपनी पार्टी और कार्यकर्ताओं की भावना से अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा कि हम इस पर चर्चा करेंगे. बीजेपी नेताओं के साथ बातचीत अच्छी रही मगर इस पर (सीट शेयरिंग) अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है.'


कुशवाहा ने पिछले हफ्ते बिहार के अरवल में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव से हुई मुलाकात पर भी सफाई दी. उन्होंने कहा, 'मीडिया के लोग वहां मौजूद थे. तेजस्वी यादव सर्किट हाउस में मेरे कमरे में आए. मैं पार्टी के काम के सिलसिले में गया था. वहां तेजस्वी पहले से मौजूद थे. हमारी मुलाकात काफी लोगों के बीच हुई.'

आरएलएसपी अध्यक्ष ने अगले महीने होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में 66 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी.

मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं. यहां 28 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होना है. राज्य में पिछले 15 वर्षों से बीजेपी की सरकार है.

सीट बंटवारे को लेकर भूपेंद्र यादव से की थी मुलाकात, शाम को मिलेंगे अमित शाह से

2019 लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सीटों के बंटवारे पर कुशवाहा ने मंगलवार सुबह बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव से मुलाकात की थी. सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनी. बीजेपी ने आरएलएसपी को 2 सीटों का ऑफर दिया लेकिन कुशवाहा ने इस पर अपना रुख साफ नहीं किया है.

कुशवाहा अब मंगलवार शाम को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से इस संबंध में मुलाकात करने वाले हैं.

पिछले हफ्ते बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और अमित शाह ने दिल्ली में जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य में 50-50 के आधार पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. सूत्रों के अनुसार एलजेपी और आरएलएसपी के लिए सीटें छोड़ने के बाद जो भी सीटें शेष होंगी उनपर बीजेपी और जेडीयू आधा-आधा चुनाव लड़ेंगी.