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असम में पीएम मोदी: भूपेन हजारिका के नाम किया सबसे लंबा पुल

950 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुए इस पुल का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था

FP Staff
14:37 (IST)

एक नई योजना के बारे में बताना चाहता हूं जिसका नाम है 'संपदा'- पीएम मोदी

14:35 (IST)

नॉर्थ ईस्ट में जैविक खेती की भरपूर संभावना है. पूरे विश्व में इसका बाजार फैला है- पीएम मोदी

14:34 (IST)

2022 तक किसानों की आय दोगुनी होनी चाहिए, अब धीरे-धीरे आगे बढ़ने का समय नहीं है- पीएम मोदी

14:32 (IST)

प्रधानमंत्री मोदी असम के धेमाजी में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं

14:30 (IST)

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि केंद्र की आधारशिला रखी.

12:22 (IST)

असम में एक साल के भीतर कई तरह की समस्याएं खत्म हुई हैं- पीएम मोदी

12:20 (IST)

इस ब्रिज का नाम का नाम भारत सरकार ने भूपेन हजारिका के नाम करने का संकल्प लिया है. ये सच्ची श्रद्धांजलि है. आने वाली पीढ़ी इससे प्रेरणा लेगी- पीएम मोदी

12:19 (IST)

नार्थ-ईस्ट को पूरे भारत से जोड़ने और पूरे भारत को नार्थ-ईस्ट से जोड़ने का काम हम कर रहें है: पीएम मोदी

12:18 (IST)

इस पुल की वजह से 10 लाख का ईंधन रोज बचेगा- पीएम मोदी

12:15 (IST)

असम से जल परिवहन का नया अध्याय शुरू होगा- पीएम मोदी

12:13 (IST)

12:13 (IST)

भारत के विकास को शिखर पर ले जाने का सपना देखा है- पीएम मोदी

12:12 (IST)

पुल से नई अर्थक्रांति की शुरुआत- पीएम मोदी

12:11 (IST)

असम और अरुणाचल को जोड़ने वाला है पुल- पीएम मोदी

12:08 (IST)

ब्रह्मपुत्र नदी पर बने पुल के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि अगर वाजपेयी की सरकार होती तो 10 साल पहले ही पुल बन गया होता.

12:07 (IST)

प्रधानमंत्री मोदी ने अपना संबोधन शुरू किया.

26 मई को मोदी सरकार के तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर केंद्र सरकार ने 26 मई से लेकर 15 जून तक देशभर के 900 शहरों में 'मोदीफेस्ट' मनाने का फैसला किया है.

मोदी खुद इस 'फेस्ट' की शुरुआत असम के गुवाहटी में धोला-सदिया पुल का उद्घाटन करके किया है.


यह पुल देश का सबसे लंबा रिवर ब्रिज (नदी पुल) है. यह पुल असम के पूर्वी हिस्से में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे इलाके में बना है.

ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 9.15 किमी. लंबा यह पुल एशिया का दूसरा सबसे लंबा रिवर ब्रिज है. यह असम में तिनसुकिया जिले के धोला और सदिया को जोड़ता है. यह वही स्थान है, जहां मशहूर संगीतकार भुपेन हजारिका का जन्म हुआ था.

मेकिंग ऑफ डेवलप्ड इंडिया' या 'मोदीफेस्ट' कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के दौरान मोदी एक दिन में लगभग एक हजार किलोमीटर की हवाई यात्रा करेंगे.

मोदी ने असम को ही क्यों चुना

मोदी इस कार्यक्रम के बहाने दरअसल एक साथ कई निशाने साधना चाहते हैं. असम में तो इस दौरान दोहरा जश्न मनाया जाएगा. यहां सर्बानंद सोनोवाल की सरकार एक साल पूरे करने जा रही है.

सूत्रों की माने तो एक वजह यह भी है कि मोदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर जश्न के लिए इस राज्य को चुना है. भाजपा ने यहां 15 साल से राज कर रही कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था. असम में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर बने इस पुल के चलते अब अरुणाचल और असम की दूरी बेहद कम हो गई है जो चीन के लिए चेतावनी भी है.

भारत को लगातार सामरिक तौर पर घेरने की पूरी कोशिश कर रहे चीन को भारत ने बेहद करारा जवाब दिया है. चीन लगातार सीमा से सटे इलाकों में तेज़ी से सड़कें और अन्य निर्माण कर रहा है जिसके बदले भारत ने उसे उसके अंदाज़ में करारा जवाब दिया है. अपने पड़ोसी चीन की मंशा को भांपकर भारत ना सिर्फ चीन से लगते सीमावर्ती इलाके में अपने सैन्य प्रतिष्ठानों को मजबूत कर रहा है बल्कि तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण भी कर रहा है.

देश का सबसे लंबा पुल है धोला-सदिया

धोला सदिया देश का अब तक का सबसे लंबा पुल है. 950 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुए इस पुल का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था. इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में बनाया गया है.

पुल बनने से आमजन को क्या फायदा

मौजूदा समय में तेजपुर में कलिया भोमोरा के बाद अगले 375 किमी तक ब्रह्मपुत्र नदी पर कोई पुल नहीं है.नदी के दोनों तटों के आर-पार सामान ले जाने के लिए पानी का ही रास्ता है, लेकिन यह पुल बन जाने से स्थानीय लोगों को खासा फायदा होगा और नदी के दोनों तरफ रहने वाले लोगों के करीब 8 घंटे तक बचेंगे.

इस पुल के चालू होने से असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा के समय में 4 घंटे तक की कटौती होगी. इस पुल के बन जाने से स्थानीय लोगों को नजदीकी रेलवे स्टेशन तिनसुखिया और डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट पहुंचने में आसानी होगी. दो लाइन के इस पुल का डिजाइन इस प्रकार से किया गया है कि वह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चल सके.

सामरिक महत्व

देश का यह सबसे लंबा पुल 60 टन के युद्धक टैंक के भार को झेल सकता है. ये पुल इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां से चीन बॉर्डर की हवाई दूरी करीब 100 किमी है. इस पुल के जरिए सेनाओं की चीन बॉर्डर (वैलोंग-किबिथू सेक्टर) तक आवाजाही आसान हो जाएगी. असम के उत्तरी और दक्षिणी इलाके के इस पुल से जुड़ने के बाद विकास की पहुंच असम के पूर्वोत्तर इलाके तक पहुंचेगी.

यहां सबसे लंबा रोड-रेल पुल भी बन रहा है

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तर-पूर्व पर अब केंद्र सरकार की नजर है और यहां विकास के तमाम कार्य करवाए जा रहे हैं. यहां बोगीभील में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक रोड-रेल ब्रिज बन रहा है जिसके 2018 में पूरा होने की उम्मीद है. डिब्रुगढ़ शहर के पास बन रहे इस पुल की लंबाई 94 किमी है, यह भारत का सबसे लंबा रोड-रेल ब्रिज होगा.

चीन बॉर्डर के पास अन्य प्रोजेक्ट

चीन से मिलने वाली किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए भारत अब उत्तर की सीमाओं तक पहुंचने के रास्ते सुगम बनाने में लगा हुआ है. कश्मीर घाटी में पहुंचने के लिए हाल ही में सरकार ने जम्मू-कश्मीर के चनैनी और नाशरी के बीच बनी यह 28 किमी. लंबी सुरंग देश की सबसे लंबी सुरंग का उद्घाटन किया है. यह सुरंग विपरीत मौसम में भी चालू रहेगी।

इसके अलावा उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर भी बात आगे बढ़ गई है. यह रेल मार्ग भी सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है.

सबसे बड़ी विशेषता

धोला-सदिया ब्रिज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके ऊपर से करीब 60 टन का लड़ाकू टैंक बड़ी आसानी से लेकर जाया जा सकता है. यानि, इस पुल के जरिए सैन्य और आम लोगों की गाड़ियों की आसानी से आवाजाही हो सकेगी और अरुणाचल प्रदेश के अनिनी में बने सामरिक ठिकाने तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा. अनिनी चीन की सीमा से सिर्फ 100 किलीमोटर ही दूर है.

भले ही इस पुल के बन जाने से आम जनता बेहद खुश है लेकिन इससे जो लोग सबसे ज्यादा आहत हैं वो हैं फैरी सेवा से जुड़े हुए लोग. इन लोगों का कहना है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि लोगों को एक बड़ा तोहफा मिला है, लेकिन इस बात का दुख भी है कि पुल की आवाजाही शुरू हो जाने से उनका धंधा बंद हो जाएगा और वो कहीं के नहीं रह जाएंगे.

गुवाहटी में खुलेगा एम्स

प्रधानमंत्री गुवाहाटी में ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडीकल साइंसेज (एम्‍स) का शिलान्‍यास करेंगे. यह गुवाहाटी से 28.5 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में खोला जाएगा. इसके अलावा वो धेमाजी जिले के गोमुख स्थित कृषि केंद्र (IARI) का शुभारंभ भी करेंगे.

पूरे दिन असम यात्रा के बाद प्रधानमंत्री आखिर में असम और मेघालय सीमा पर स्थित असम और मेघालय सीमा पर स्थित खानापारा में एक राजनैतिक रैली भी करेंगे.उसके बाद तय कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री वापस दिल्ली आ जाएंगे.

(साभार: न्यूज 18)