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मायावती: नसीमुद्दीन सिद्दीकी पैसों के लिए लोगों को ब्लैकमेल करता था

बीएसपी से निकाले गए नेता नसीमुद्दीन ने मायावती पर 50 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया है

FP Staff
19:27 (IST)

नसीमुद्दीन ने मुझसे कहा कि मैं अपनी जमीन-जायदाद बेच कर मेंबरशिप का पैसा जमा करवा दूंगा. तब मैंने कहा कि आप इधर-उधर की बात नहीं करें. आप इस तरह की बात करके फंस सकते हैं.

19:24 (IST)

मेम्बरशिप का पैसा जो लोगों ने नसीमुद्दीन को दिया था. वो इसने और इनके बेटे ने खा लिया. लोगों को डराकर पैसों की उगाही करता था.

19:22 (IST)

19:22 (IST)

चुनाव होने से एक साल पहले हमारे टिकट फाइनल होने शुरू हो गए थे. तो मैंने कहा था दलितों का वोट तो मिल जाएगा, लेकिन जिन दूसरे लोगों को टिकट दिए जा रहे हैं. उनका वोट मिलेगा या नहीं मैं ये देखना चाहती थी.

19:20 (IST)

नसीमुद्दीन सिद्दीकी बहुत बड़ा ब्लैकमेलर है. टेप दिखाकर लोगों को डराता है. टेप के जरिए लोगों को डराते रहे और लोगों से पैसा उठाते रहे. जो पश्चिमी यूपी के लोग कह रहे थे नसीमुद्दीन ब्लैकमेलर है. जब इसने मीडिया को टेप दिखाई तो विश्वास हो गया ये बहुत बड़ा ब्लैकमेलर है.

19:18 (IST)

मैंंने नसीमुद्दीन को मुस्लिम होने के नाते चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी. लोगों ने मुझे बताया ईवीएम में गड़बड़ी तो हुई है, लेकिन आप नसीमुद्दीन को पार्टी से अलग नहीं करेंगी तो पार्टी आगे बढ़ने की जगह पीछे जाती जाएगी. 

19:16 (IST)

ईवीएम के साथ मैंने पार्टी के जिन वरिष्ठ लोगों को पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी दी हुई थी. ईवीएम में गड़बड़ी मुख्य कारण रहा है. वोट प्रतिशत कम नहीं रहा, लेकिन ईवीएम की वजह से सीटें कम हो गई हैं.

19:07 (IST)

सिद्दीकी ने बयान में कहा है, "मैं समझता हूं कि इस निष्कासन से मेरे और मेरे परिवार की और मेरे सहयोगियों की बहुजन समाज पार्टी में 34-35 साल की कुबार्नी का सिला मुझे दिया गया है. मैंने इस मिशन के लिए और मायावती के लिए खासतौर पर इतनी कुबार्नी दी है, जिसकी मैं गिनती नहीं कर सकता."
नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया, "मायावती, उनके भाई आनंद कुमार और सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा अवैध रूप से, अनैतिक रूप से और मानवता से परे कई बार ऐसी मांगें की गईं, जो मेरे बस में नहीं थीं. कई बार मुझे मानसिक प्रताड़ना दी गई, टार्चर किया गया. जिसके पुख्ता प्रमाण मेरे पास हैं."
नसीमुद्दीन ने कहा, "2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव और 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मायावती की गलत नीतियों के कारण सफलता नहीं मिली. उन्होंने मुसलमानों पर गलत झूठे आरोप लगाए."
उन्होंने कहा, "2017 के चुनाव से काफी पहले से मैंने पार्टी के लिए जो प्रयास किए, उसी का नतीजा था कि बसपा को 22 प्रतिशत से अधिक वोट मिले, नहीं तो स्थिति और बदतर होती. शिकस्त के बाद मायवती ने मुझे बुलाया और अपर कास्ट, बैकवर्ड को बुरा-भला कहने के साथ ही खासतौर पर मुसलमानों के लिए अपशब्द कहे, जिसका मैंने विरोध किया था."

19:01 (IST)

नसीमुद्दीन कभी बीएसपी सुप्रीमो के सबसे खास व बीएसपी के प्रमुख सिपहसालार थे. बुंदेलखंड के बांदा जिले के एक छोटे से गांव गिरवा के रहने वाले नसीमुद्दीन का परिवार राजनीति से दूर था.
कोई सियासी पहचान नहीं होने के बाद भी अपने भाई की बदौलत राजनीति में आने वाले नसीमुद्दीन ने एक समय यूपी की सियासत में अपना दायरा बेहद बड़ा कर लिया था. 1991 में वह बीएसपी के पहले मुस्लिम विधायक बने थे.

19:00 (IST)मायावती पर आरोप लगाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी हैं कौन?18:59 (IST)...तो क्या अब बीएसपी को मुसलमानों की परवाह नहीं रही18:58 (IST)

बीएसपी ने दलित-मुस्लिम गठजोड़ के जरिए यूपी की सत्ता पर दोबारा काबिज होने की पूरी कोशिश की थी. इसके लिए सौ से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में बीएसपी की तरफ से उतार दिया गया. बीएसपी की इस पूरी रणनीति के केंद्र में रहे पार्टी के मुस्लिम चेहरे और राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी.

नसीमुद्दीन ने पार्टी से निकाले जाने के बाद यह कहा कि चुनाव में हार के बाद मायावती ने उनसे बातचीत में मुसलमानों को गाली दी और उन्हें गद्दार कहा. 

बीएसपी से निकाले गए नेता नसीमुद्दीन ने मायावती पर 50 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा और आनंद कुमार पार्टी को बर्बाद करने पर तुले हैं.

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नसीमुद्दीन ने अपनी और मायावती के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी सुनाई.


नसीमुद्दीन के आरोपों के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां पढ़ें: मायावती पर नसीमुद्दीन के सनसनीखेज आरोप: 10 बातों में जानें