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CCTV पर केजरीवाल और LG में घमासान, दिल्ली की जनता पूछ रही है आखिर कब लगेंगे कैमरे?

एलजी ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर कहा है कि उन्हें सीसीटीवी लगाने के बारे में कोई प्रस्ताव नहीं मिला है

Ravishankar Singh

दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने के मुद्दे पर दिल्ली सरकार और एलजी आमने-सामने आ गए हैं. एलजी के रवैये के विरोध में सोमवार शाम 3 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ एलजी हाउस तक मार्च निकालेंगे.

कैमरे लगाने के मुद्दे पर कुछ दिनों से दिल्ली सरकार और एलजी के बीच लेटर-वॉर चल रहा है. अरविंद केजरीवाल सीसीटीवी मुद्दे को लेकर पीएम मोदी को पत्र भी लिख चुके हैं. बाद में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसी मुद्दे पर एलजी को पत्र लिखा. उनके पत्र के बाद एक और पत्र एलजी ने अरविंद केजरीवाल को लिखा जिसका जवाब केजरीवाल ने एलजी को भेज दिया है.


विवादों के घेरे में कमेटी

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार और एलजी के बीच सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर काफी लंबे समय से विवाद चल रहा है. इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे पर ढिलाई बरतने के आरोप लगाए जाते रहे हैं. पिछले दिनों एलजी की ओर से एक विशेष समिति बनाने पर यह विवाद और बढ़ गया.

बीते शनिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘दिल्ली की जनता कहती रही है कि सुरक्षा के नजरिए से सीसीटीवी की जरूरत है. दिल्ली की आप सरकार ने इसके लिए घोषणापत्र और बजट में विशेष प्रावधान भी किया. सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर तीन साल तक एलजी साहब ने कुछ नहीं किया. अब जब टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो वे अड़ंगा डाल रहे हैं. एलजी साहब समिति बना कर इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालना चाहते हैं.’

टेंडर रोकने का आरोप

वहीं दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर कहा है कि उन्हें सीसीटीवी लगाने के बारे में कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. एलजी हाउस का साफ कहना है कि यह मामला निर्वाचित सरकार के पास लंबित है. साथ ही सीसीटीवी का टेंडर रोकने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है. दिल्ली सरकार आम जनता और मीडिया को जानबूझकर गुमराह कर रही है.

एलजी ने पत्र में अरविंद केजरीवाल से कहा है कि उम्मीद है सीसीटीवी कैमरे के कामकाज की निगरानी के लिए हमलोग एक रेगुलेटरी ढांचा बनाने पर सहमत होंगे.

एलजी हाउस के मुताबिक दिल्ली की आप सरकार पिछले तीन साल से सीसीटीवी लगाने के बारे में सिर्फ बात ही कर रही है. डीएमआरसी, डीडीए, दिल्ली पुलिस, बाजार संघों और आरडब्ल्यू एसोसिएशनों ने पूरे दिल्ली शहर में दो लाख से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इस मामले में दिल्ली सरकार ने कोई कैबिनेट नोट तक जारी नहीं किया है.

तब एलजी ने क्यों नहीं बनाई कमेटी?

वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा है कि जब दो लाख कैमरे लगाए गए, उस वक्त एलजी को कोई निगरानी कमेटी बनाने की जरूरत क्यों नहीं पड़ी.जब दिल्ली सरकार कैमरे लगाने की बात कर रही

है, तो एलजी क्यों कमेटी बनाने की मांग कर रहे हैं?

दूसरी ओर, कैमरे के इस एलजी बनाम सीएम विवाद में अब अन्य पार्टियां भी कूद गई हैं. कांग्रेस पार्टी ने एलजी और सीएम केजरीवाल पर मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली और हारून यूसुफ का कहना है कि एलजी और मुख्यमंत्री सीसीटीवी मामले में लोगों का ध्यान भटका रहे हैं. इन दोनों नेताओं का मानना है कि यह सरासर भ्रष्टाचार का मामला है.

कैमरा बनेगा चुनावी मुद्दा?

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में आप ने अपने घोषणापत्र में पूरे दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा किया था. पर सरकार बनने के कई साल बाद भी इसपर अमल नहीं हो सका है. 2019 चुनावों के मद्देनजर यह मामला तेज हो सकता है, लिहाजा दिल्ली की आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को प्राथमिकता में ले आना चाहती है.