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लालू के बेटों पर चार्जशीट लगी तब भी चुप रहेंगे नीतीश कुमार?

जानकारों का मानना है कि जब तक जांच चल रही है तभी तक नीतीश कुमार चुप हैं

Amitesh

लालू यादव और उनके परिवार के दिल्ली और एनसीआर के 22 ठिकानों पर छापेमारी के बाद इनकम टैक्स के हाथ क्या लगा है अबतक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन, अभी से ही महागठबंधन के भविष्य को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं.

कयास लग रहा है क्योंकि महागठबंधन में खटास आ गई है. दोनों सहयोगी लालू और नीतीश कुछ खुलकर नहीं बोल रहे हैं लेकिन, लालू के ट्वीट ने दिल की दूरी को जुबां पर ला ही दी है.


बार-बार गठबंधन धर्म की दुहाई दी जा रही है, लेकिन, दुहाई में जुदाई की आहट भी रह-रह कर सुनाई देनी लगती है. दोनों ओर से मामले को शांत करने की कवायद होती है और बयान आता है कि गठबंधन अटूट है.

लेकिन, क्या इतने भर से बात बन जाती है. लगता तो नहीं है. क्योंकि, नीतीश कुमार की छवि दागदार होती है तो शायद ये बात जेडीयू और खुद नीतीश के लिए पचा पाना मुश्किल होगा. फिलहाल लालू से हाथ मिलाने और सरकार चलाने के दौरान जो भी घपले-घोटाले सामने आ रहे हैं उसका किसी न किसी रूप में नाता लालू, उनके परिवार और उनकी पार्टी के लोगों से ही जुड़ा रहा है.

अभी भी जेडीयू से किसी तरह के घपले का जुड़ाव नहीं है. कुछ आरोप लगे भी तो नीतीश ने पार्टी के नेताओं पर तुरंत कार्रवाई भी की. शायद अपनी छवि अलग दिखाने की उनकी कोशिश ही उनको ऐसा करने पर प्रेरित कर गई.

लेकिन, लालू इन सबसे बेपरवाह अपने पुराने रंग में दिख रहे हैं. उनके बेटे और बेटी भी उनका ही अनुसरण करते दिख रहे हैं.

लालू और उनके दोनों मंत्री बेटों के खिलाफ मिट्टी घोटाले का आरोप तो कभी बेटी मीसा के नाम बेनामी संपत्ति अर्जित करने का मामला हो, एक के बाद एक खुलासों ने लालू को फिर से कठघरे में खड़ा कर दिया है.

इसके बाद इनकम टैक्स की तरफ से की गई हालिया छापेमारी ने और मुश्किल बढ़ा दी है. फिलहाल तो छापेमारी ही हो रही है. लेकिन, अगर लालू के दोनों बेटों के खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल होती है या फिर उनके खिलाफ आगे कोई कार्रवाई होती है तो क्या नीतीश कुमार तब भी चुप्पी साधे बैठे रहेंगे?

नीतीश कुमार को जानने वाले इस बात से इनकार करते हैं. वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर का मानना है कि जबतक जांच हो रही है तबतक तो कोई बात नहीं है लेकिन, जब किसी जांच एजेंसी की तरफ से कोई कारवाई होती है तो उस सूरत में नीतीश कुमार चुप नहीं रह सकते.

जेडीयू के एक महासचिव से जब हमने इस बारे में जानने की कोशिश की तो उनका भी यही मानना था. उनके मुताबिक, नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अपनी छवि के साथ समझौता नहीं कर सकते.

सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू इस बात को मान कर चल रही है कि अभी केवल जांच के चलते किसी तरह के विवाद करने की जरूरत नहीं है. लेकिन, नीतीश कैबिनेट के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के उपर अगर जांच एजेंसी का फंदा आता है और इनके खिलाफ एजेंसी कोई कारवाई करती है तो उस सूरत में नीतीश कैबिनेट में इनके बने रहना आसान नहीं होगा.

उस सूरत में लालू के दोनों बेटों को नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देना होगा. क्योंकि तब नीतीश कुमार के लिए अपनी छवि से समझौता करना मुश्किल होगा. सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू और आरजेडी के भीतर इसी बात पर फिलहाल सहमति बनती दिख रही है कि केवल आरोपों के आधार पर इस्तीफा नहीं होगा. लेकिन, कारवाई हुई तो दोनों बेटों को मंत्रिमंडल से इस्तीफे दिलवा कर गठबंधन को बरकरार रखा भी जाएगा.

फिलहाल मौजूदा हालात में लालू के लिए गठबंधन और सरकार में बने रहना ज्यादा जरूरी है. वरना, पहले से परेशान लालू को ज्यादा प्रतिकूल हालात का सामना करना पड़ सकता है. लालू इस बात को समझते भी हैं.