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अपने सुखी जीवन के लिए तेज प्रताप ने तीन दिन करवाई कृष्णलीला

तेज प्रताप खुद को कृष्ण भक्त बताते हैं और साल में दो बार वृंदावन जाकर पूजा कीर्तन जरूर करते हैं

Kanhaiya Bhelari

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने अपनी वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि के लिए 'कृष्णवतार' का तीन दिनों तक मंचन करवाया. तेज प्रताप का विवाह 12 मई को हुआ था. 13 मई को राबड़ी देवी के आवास और 14 एवं 15 मई को बांके बिहारी शिव मंदिर के प्रांगण में शाम 5 बजे से रात 10.30 बजे तक कृष्णलीला करवाया.

बांके बिहारी शिव मंदिर को तेज प्रताप ने एक ज्योतिषी की सलाह पर जबरन सरकारी जमीन पर बनवाया था. तब आरजेडी भी सरकार में शामिल थी और तेज प्रताप स्वास्थ्य मंत्री थे.


कृष्णलीला का आयोजन विशुद्ध रूप से पारिवारिक था. हालांकि मंदिर में की गई कृष्णलीला को आस-पास झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने देखा था. तेज प्रताप ने तीनों दिन अपनी नई नवेली दुल्हन ऐश्वर्या राय के साथ राधा-कृष्ण की लीला का आनंद लिया. मिजाज से कृष्ण भक्त तेज प्रताप यादव ने भगवान की आरती भी की.

कृष्ण भक्त हैं तेज प्रताप

लालू यादव के बड़े पुत्र भगवान कृष्ण के परम भक्त हैं और अक्सर मथुरा-वृंदावन आते-जाते रहते हैं. उनके एक करीबी के मुताबिक, 'तेज प्रताप यादव चाहते थे कि शादी के बाद वृंदावन से कलाकार बुलाकर कृष्णलीला का मंचन करवाया जाए.' कुल 18 कलाकार वृंदावन से आए थे उनमें 6 महिलाएं थीं. अवधेश मिश्रा कृष्ण की जीवंत भूमिका में थे. वहीं प्रीति शर्मा राधा का रोल अदा करके सबका मन मोह रही थी. बाकी के कलाकार कृष्ण और राधा के सखा और सखी का पाठ बखूबी प्ले कर कार्यक्रम में समा बांधने का काम कर रहे थे.

तेज प्रताप यादव ने पहली बार अपने घर पर कृष्णलीला का आयोजन किया था. शाही शादी में शिरकत करने के लिए तेज प्रताप यादव की जो बहनें पटना आईं थी उन में से कुछ ने इसका आनंद लिया. कहते हैं कि पूर्व सीएम राबड़ी देवी और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी कुछ देर तक रूककर कृष्णलीला देखी.

वैसे जग जाहिर है कि तेज प्रताप यादव कई प्रकार के अजब-गजब धार्मिक आयोजन अपने आवास पर कराते रहते हैं. साल में कम से कम दो बार वृंदावन जाते हैं. प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में पूजा पाठ करते हैं. तेज प्रताप पिछले साल राजनीतिक परेशानी से छुटकारा पाने के लिए अपने सरकारी आवास 3, देशरत्न मार्ग में अष्टजाम कीर्तन का आयोजन किया था. उस धार्मिक अनुष्ठान को अखंड कीर्तन के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि अष्टजाम के अनुष्ठान से मुसीबत दूर होती है.

क्या है अष्टजाम कीर्तन

ढोलक और झाल की थाप पर ‘हरे रामा, हरे कृष्णा, रामा रामा हरे हरे’ मंत्र का जाप ऊंची आवाज में लयबद्ध होकर कम से कम 24 घंटे तक किया जाता है. खानदानी पुरोहित की सलाह पर उन्होंने अपने सरकारी निवास में यह अनुष्ठान 19 जुलाई 2017 की सुबह 4 बजे से दूसरे दिन 4 बजे भोर तक चलवाया था. 20 जूलाई को पूर्णाहुति के बाद बड़ा भंडारा का आयोजन किया गया था जिसका प्रसाद परिवार के सदस्यों एवं जाप में सक्रिय भाग ले रहे लोगों के अलावे नजदीकी इष्ट-मित्रों के बीच वितरित किया गया था.

उसी साल 4 अप्रैल को मिट्टी घोटाले से छुटकारा पाने के लिए तेज प्रताप यादव ने अपने सरकारी निवास के प्रांगण में दर्जनों बार विभिन्न प्रकार के तांत्रिक अनुष्ठान कराया था. जिनमें ‘दुश्मन मारन’ जाप भी शामिल था. फिर जून के प्रथम सप्ताह में लगातर तीन दिनों तक यह जाप चला था. इस तांत्रिक जाप को कराने के लिए तेज प्रताप यादव ने दरभंगा निवासी एक कर्मकांडी ब्राहण की सहायता ली थी. उस ब्राह्मण की सलाह पर मंत्री ने 37 लाख में फोर्ड गाड़ी खरीदी की थी.

तांत्रिक जाप की समाप्ति के एक सप्ताह बाद तेज प्रताप वृंदावन गए थे. वहां भी कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान करवाया. तब तेजप्रताप ने नंगे पैर एसी बस में बैठकर यात्रा पूरी की थी. पूछने पर उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण हमारे इष्ट देव हैं और वृंदावन के बिहार मंदिर में इनकी पूजा-अर्चना करने मै गया था.'

अचलेश नंदन नामक ज्योतिषी के कहने पर स्वास्थ्य मंत्री ने 28 मई 2017 को अपने सरकारी आवास का मेन गेट बंद करा दिया था. कहते हैं कि नंदन ने अगाह किया था कि 'घर का मेन गेट दक्षिण में है जहां यम का वास होता है.' उसी के सुझाव पर तेज प्रताप यादव ने आवास के उत्तर दिशा की मजबूत दीवार तुड़वाकर गेट बना दिया था. इसकी वजह से आस-पास की सैकड़ों झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को दिक्कत हो रही थी. लालू प्रसाद और राबड़ी को अपने बेटे को मेन गेट खोलने के लिए राजी करने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी.