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लालू के घर पर लगाई गई थी डॉक्टरों की ड्यूटी, ये रहे ठोस सबूत

आरोप है कि तेज प्रताप ने इसके लिए सारे नियमों को ताक पर रख दिया और अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया

FP Staff

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आवास पर सरकारी डॉक्टरों की ड्यूटी को लेकर बिहार का सियासी पारा गरमा गया है.

आरोप है कि तेज प्रताप ने इसके लिए सारे नियमों को ताक पर रख दिया और अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया. इस दौरान लालू प्रसाद यादव की देखरेख के लिए करीब आठ दिनों तक उनके आवास पर सरकारी डॉक्टर तैनात रहे.


विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोप लगाया है कि सत्ता दुरुपयोग करने की यादव परिवार की आदत है. यह तो बस एक और नमूना है.

दिलचस्प बात यह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय का महकमा उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के पास ही है. मंगलवार को जब तेज प्रताप दिल्ली से पटना लौटे तो मीडिया ने इस मसले पर उन्हें घेर लिया. हालांकि, पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब तेज प्रताप ने नहीं दिया.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा, 'इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईजीएमएस) के तीन डॉक्टर और दो नर्स लालू के देखभाल के लिए आरजेडी प्रमुख के आवास पर तैनात रहे. यह सरकारी नियमों का सरासर उल्लंघन है.'

'तेज प्रताप ने डाला था दबाव'

सुशील मोदी ने कहा, 'तेज प्रताप आईजीएमएस के गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन भी हैं. उन्होंने जरूर अस्पताल प्रशासन पर दबाव डालकर इन डॉक्टरों की तैनाती अपने पिता (लालू) के आवास पर करवाई होगी. यह सब तेज प्रताप ने तब किया, जब उन्हें बखूबी पता था कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. मरीज कतार में खड़े हैं और वे बेहाल हैं.'

न्यूज18 हिंदी/ईटीवी के पास वो खास पत्र है, जिसमें आईजीएमएस के सुपरिटेंडेंट का हस्ताक्षर है. इसमें सुपरिटेंडेंट ने सर्कुलर रोड पटना, हाउस नंबर-10 स्थित आवास पर तैनात डॉक्टरों को लौटने और अस्पताल के संबंधित विभाग में रिपोर्ट करने को कहा था.

हाउस नंबर 10, सर्कुलर रोड के इस पते पर घर लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी के नाम अलॉट है. राबड़ी देवी बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में राजद की नेता भी हैं.

जदयू ने विवाद से किया किनारा

इस बीच जदयू ने इस विवाद से खुद को किनारा कर लिया है. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि तेज प्रताप और उसके मंत्रालय को इसे सुलझाना है. उन्होंने इस मसले पर कुछ और भी टिप्पणी से साफ इनकार कर दिया.

हालांकि, राजद ने इस फैसले का बचाव किया है. राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि बतौर चेयरमैन तेजप्रताप डॉक्टरों की ड्यूटी को लेकर गुजारिश कर सकते हैं. वैसे वे कोई भी गुजारिश पत्र नहीं दिखा पाए.

दिलचस्प बात यह है कि कोई भी आरजेडी नेता सार्वजनिक रूप से यह कहने को तैयार नहीं है कि आखिर कौन बीमार था, जिस वजह से डॉक्टरों की टीम बुलानी पड़ी.

आईजीएमएस के डायरेक्टर एनआर विश्वास ने ईटीवी को बताया, 'मैं नेताओं और मंत्रियों के गुजारिश से उब गया था. मैंने कई बार आग्रह किया कि इस तरह की गुजारिशें बंद हो.'

आईजीएमएस के पत्र के मुताबिक, ये डॉक्टर और नर्स लालू के आवास पर तैनात थे.

1. डॉक्टर नरेश कुमार– एचओडी (जनरल मेडिसिन)

2. डॉक्टर कृष्णा गोपाल– एसोसिएट सुपरिटेंडेंट

3. डॉक्टर अमन कुमार– डिप्टी सुपरिटेंडेंट

4. अनिल सैनी– स्टाफ नर्स (सीसीयू)

5. विक्रम चरण– स्टाफ नर्स (ओटी)

( साभार: न्यूज 18 से आलोक कुमार की रिपोर्ट )