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'सत्तू-नून' खाने वाले लालू प्रसाद अब करोड़पति हो गए हैं

लालू ने अपने निर्माणाधीन माॅल की खोदी गई मिट्टी को पटना जू को 90 लाख रुपए में बेच दी

Kanhaiya Bhelari

मार्च 1990 में सीएम बनने के बाद लालू प्रसाद यादव ने कुछ महीनों तक अपने चपरासी बड़े भाई के सरकारी क्वॉर्टर को अपना बसेरा बनाया था. आखिर ‘गुदड़ी का लाल’ चकाचौंध वाले मुख्यमंत्री के लिए अधिकृत आवास 1, अन्ने मार्ग के वातावरण में कैसे निवास कर सकता था?

ऊपर से गरीबों के मसीहा वाला टैग भी तो इस हाजिर जवाबी नेता के ललाट पर चस्पा था. जी-7 के सदस्यों के सामने उन्होने एलान किया था कि ‘नून भात खाना है और बिहार को चलाना है’. तब उनको चाहने वाले कलमजीवियों का एक समूह हुआ करता था जो जी-7 के नाम से जाना जाता था. लेखक भी उस समूह का एक अंग था.


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बहरहाल, कुछ मुहलग्गू मित्रों और अधिकारियों के समझाने के बाद लालू प्रसाद यादव सीएम आवास में रहने को राजी हुए. आवास में घुसने के बाद उन्होंने पाया कि कहीं टोकरी में सेब रखा है, कहीं अनार पड़ा है तो कहीं काजू व किशमिश से भरा सुनहरा कटोरा सलीके से रखा हुआ है.

जब चारा घोटाले का लालू पर आरोप लगा

सीएम गरजे ‘अभी हटाओ इन आइट्मस को. हम गरीब का बेटा है. सत्तू रखो, प्याज रखो, मरचाई रखो, खटाई रखो, नून रखो, भूंजा रखो. हम तो बचपने से यही सब खाता-चबाता हूं.’

लेकिन कहने वाले ने सही ही कहा है कि ‘सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के वसूलों से और खुशबू आ नहीं सकती कागज के फूलों से’

थोड़े ही दिनो के पश्चात सीएम आवास से हटाया गया समूचा आइटम 'पुनः मुषको भवः' की तर्ज पर वापस आ गया. तब मिलने आए एक वरिष्ठ पत्रकार को सीएम ने बिना मांगे सलाह दी थी कि ‘माल कमा ल, ना त बुढापा में टंगरी घसेटे के पड़ी अउर बाल-बच्चा कटोरा लेके भीख मांगे लागी.'

कुछ सालों बाद लालू प्रसाद यादव के खिलाफ करीब 900 करोड़ के चारा घोटाले का आरोप लगा. रांची की निचली अदालत से उनको सजा भी हुई. अभी उनकी अपील मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. इतना सब होने के बावजूद भी आरजेडी सुप्रीमो दावा करते रहे कि ‘मैं गुदड़ी का लाल था, हूं और रहूंगा.’

लेकिन अप्रैल 9 को हरफनमौला लालू की कहानी में भयंकर ट्विस्ट आ गया. प्रत्यक्ष रूप में चिंतित आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहली बार इस सच्चाई को पत्रकारों के सामने स्वीकार किया कि ‘अब मैं करोड़पति बन गया हूं. पटना के सगुना मोड़ के पास करीब दो एकड़ जमीन पर जो शॉपिंग माॅल बन रहा है उस पर मालिकाना हक राबड़ी देबी, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव का है.'

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आंकलन है कि अभी के मार्केट रेट से उस जमीन की कीमत कम से कम 200 करोड़ रुपए है. शॉपिंग माॅल के निर्माण करने की जिम्मेदारी मेरेडियन कंस्ट्रकशन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है. ये कंपनी सुरसंड से आरजेडी विधायक और मोहम्मद शहाबुद्दीन के करीबी सैयद अबू दोजाना की है.

मॉल के साइट पर बैनर लगा है कि ‘इट इज बीगेस्ट माॅल ऑफ बिहार’. चर्चा है कि इसके निर्माण पर कुल 750 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.

लालू प्रसाद यादव ने सुशील कुमार के आरोपों को सिरे से खारिज किया

पूर्व उप मुख्यमंत्री और बिहार के कद्दावर बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने पटना चाणक्य होटल के मालिक हर्ष कोचर को रेलवे के दो होटल रांची और पुरी के बदले पटना के सगुना मोड़ के पास 2 एकड़ से ज्यादा जमीन बेनामी तरीके से डीलाइट मारकेटिंग प्राइवेट लिमिटेड, जिसके मालिक आरजेडी के राज्यसभा एमपी प्रेम गुप्ता हैं, के नाम रजिस्ट्री करवा ली.

फिर इस कंपनी में 2014 में तेज प्रताप यादव, तेजस्वी प्रसाद यादव, चंदा यादव और रागिनी यादव डायरेक्टर बनाए गए. मोदी का कहना है कि 12 नवंबर 2016 को इस कंपनी का नाम बदलकर लारा प्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड किया गया.

अंततः 14 फरवरी 2017 को इसका नाम बदलकर लारा प्रोजेक्टस एल.एल.पी, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप फर्म रखा गया. सरला गुप्ता के नाम पर जितने भी शेयर थे उसको लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी और दोनों बेटों के नाम पर ट्रांसफर करवा लिया.

मोदी का आरोप है कि लालू परिवार ने चुनाव आयोग तथा बिहार सरकार को दिए गए अपनी संपत्ति के ब्योरे में कहीं भी इस माॅल की जमीन का जिक्र नहीं किया है.

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हालांकि लालू प्रसाद यादव ने रविवार को सुशील कुमार मोदी के आरोप का खंडन किया है. लेकिन पत्रकारों के कई सवालों का वे सही जबाब नहीं दे सके. पहली बार उनकी बॉडी लैंगवेज असहज दिख रही थी. दूसरी तरफ उनके बेटे व बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि ‘मोदी स्वयं भ्रष्ट हैं इसीलिए सभी लोग उन्हें भ्रष्ट दिखाई पड़ते हैं.’

दरअसल, बीते दिन एक खबर छपी थी कि लालू ने अपने निर्माणाधीन माॅल की खोदी गई मिट्टी पटना जू को 90 लाख रुपए में बेच दी. जू वन विभाग के अंर्तगत है जिसके मंत्री लालू के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव है.

इस तथाकथित मिट्टी घोटाले को बीजेपी ने असरदार मुद्दा बना लिया है. अंततः बाध्य होकर सरकार को जांच का आदेश देना पड़ा. लेकिन विपक्ष शांत नहीं है.

सुशील कुमार मोदी की मांग है कि नीतीश सरकार ‘मिट्टी से माल तक की जा रही घोटाले की जांच कराए. सबसे मजेदार बात ये है कि जनता दल-यू और कांग्रेस का एक भी नेता लालू परिवार के पक्ष में बयान नहीं दे रहा है. इसपर एक आरजेडी विधायक की दिलचस्प प्रतिक्रिया है ‘बनला के सब इयार होला बाकि बिगड़ला पे कोई पुछे ना आवे.'