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आप की जमानत जब्त होने के बाद कुमार विश्वास ने क्या कहा केजरीवाल से?

इन ट्वीट्स में सीधे-सीधे उन्होंने केजरीवाल को कुछ नहीं कहा है लेकिन इन ट्वीट्स का संदेश साफ है

FP Staff

अरविंद केजरीवाल पर ऊपर किसी की भी बात नहीं सुनने का आरोप लगता आया है. इसके अलावा उनपर चापलूसों से भी घिरे रहने का आरोप भी लगता रहा है.

पंजाब और गोवा में आप की हार के बाद पार्टी के भीतर बगावती सुर बढ़ने लगे थे. यह भी खबर आ रही थी कि आप के बड़े नेता कुमार विश्वास और केजरीवाल के बीच की दूरियां विधानसभा चुनावों में हार के बाद काफी बढ़ गई है. कुमार विश्वास के पार्टी छोड़ने जैसी अफवाहें भी उड़ी. हालांकि यह महज अफवाह ही साबित हुआ.


लेकिन केजरीवाल से कुमार विश्वास खफा जरूर हैं. गुरुवार को दिल्ली के राजौरी गार्डन उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जमानत जब्त होने के बाद इस नाराजगी के संकेत भी दिखे.

केजरीवाल पर साधा निशाना 

कुमार विश्वास ने राजौरी गार्डन का परिणाम आने के बाद कुछ ट्वीट किए. इन ट्वीट्स में सीधे-सीधे उन्होंने केजरीवाल को कुछ नहीं कहा है लेकिन इन ट्वीट्स का संदेश साफ है.

चुनाव परिणाम आने के बाद कुमार विश्वास ने दो ट्वीट किए और अपने एक पुराने ट्वीट को रिट्वीट भी किया.

कुमार विश्वास ने पहला ट्वीट दोपहर में किया. उन्होंने अब्बास ताबिश की एक शायरी – ‘पानी आँख में भर कर लाया जा सकता है, अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है’ पोस्ट की.

इस ट्वीट पर जिस तरह के कमेंट्स आ रहे हैं उससे साफ लग रहा है कि कुमार विश्वास केजरीवाल से कह रहे हैं कि अब भी वक्त है संभलने का.

संस्कृत में भी किया ट्वीट 

डॉ. कुमार विश्वास ने शाम को एक और ट्वीट किया. इस बार ट्वीट संस्कृत भाषा में था. उन्होंने संस्कृत में लिखा कि अगर हमेशा चापलूसों की सुनेंगे तो हार निश्चित है. मीठा बोलने वाले कभी आपको भला नहीं कर सकते हैं.

इसके बाद कुमार विश्वास ने अपने 29 मार्च के ट्वीट को रिट्वीट किया है. इसमें लिखा है:

जो बातचीत के असली हिमायती थे कभी

वो बातचीत को मुंहजोरियां समझते हैं

मैं जो चुप रहता हूं तो मेरे कुछ कमजर्फ अजीज

मेरे लिहाज को कमजोरियां समझते हैं!

इन तीनों ट्वीट्स से साफ है कि कुमार विश्वास केजरीवाल की तानाशाही की ओर इशारा कर रहे हैं और आप के हार की मुख्य वजह केजरीवाल के इसी प्रवृत्ति को मान रहे हैं.