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कुमार विश्वास ने क्यों ट्वीट करके कहा, मैं अभिमन्यु हूं!

FP Staff

कुमार विश्वास ने एक ट्वीट करके दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है. अपने ट्वीट में कुमार विश्वास ने पार्टी कार्यकर्ताओं से निवेदन करते हुए कहा है, 'सबसे पहले देश, फिर दल और फिर व्यक्ति है.' उन्होंने अपने ट्वीट में खुद को अभिमन्यु कहा है.

आम आदमी पार्टी के दफ्तर के बाहर सुबह से लोगों की भीड़ लगी थी. भीड़ देखकर आम आदमी पार्टी ने पुलिस से शिकायत की थी कि ये लोग बीजेपी के हैं. हालांकि वहां जमा हुए लोगों ने लिखित रूप से कहा कि वे लोग बीजेपी के हैं. इसके बाद भीड़ को लेटरपैड पर लिखकर यह देने को कहा गया कि वे लोग आम आदमी पार्टी के हैं. शाम तक पार्टी दफ्तर से लोगों की भीड़ छंटने लगी. इसके बाद शाम को कुमार विश्वास ने ट्वीट करके यह संकेत देने का प्रयास किया कि उनके सपोर्ट में जमा हुए लोग आम आदमी पार्टी के ही हैं. कुमार विश्वास ने यह ट्वीट अंग्रेजी में भी किया है.

क्या है मामला?

दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में इस वक्त जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा है वह है राज्यसभा की तीन सीटों का चुनाव. यूं तो दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ के प्रचंड बहुमत के चलते ये तीनों सीटें ‘आप’ के ही खाते में जाना तय है, लेकिन पार्टी काडर के भीतर इन तीन उम्मीदवारों के नामों के लेकर इस वक्त कयासबाजी और पार्टी की टॉप लीडरशिप के बीच पैंतरेबाजी का जबरदस्त दौर जारी है. राज्यसभा के तीन उम्मीदवारों को तय करने की प्रकिया में केन्द्र बिंदु पार्टी के राजस्थान प्रभारी कुमार विश्वास बने हुए हैं.

दिल्ली में राज्यसभा की तीन सीटें हैं. कांग्रेस के जनार्दन द्विवेदी, कर्ण सिंह और परवेज हाशमी का कार्यकाल अगले साल 27 जनवरी में खत्म होने वाला है. इलेक्शन कमीशन इसी महीने यानी 29 दिसंबर को इन चुनावों की अधिसूचना जारी करेगा. उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल करने की आखिरी तारीख पांच जनवरी, 2018 होगी. यानी अब उम्मीदवारों को तय करने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है. लेकिन अब भी आम आदमी पार्टी के भीतर शह और मात का खेल चल रहा है. पार्टी में हाशिए पर चल रहे कुमार विश्वास के समर्थक उनकी दावेदारी को पुख्ता करने के लिए पार्टी का डर के बीच और सोशल मीडिया पर जबरदस्त अभियान चला रहे हैं.

राज्यसभा की रेस में कौन है सबसे आगे?

पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र में फर्स्टपोस्ट हिंदी को बताया था कि पार्टी के तीन उम्मीदवारों में से दो या कम से कम एक नाम बेहद चौंकाने वाला हो सकता है. हालांकि चर्चा तो यह भी है कि अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में मंत्री रह चुके अरुण शौरी को भी पार्टी राज्यसभा भेज सकती है. शौरी पिछले कुछ वक्त से बीजेपी में हाशिए पर हैं और मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की घनघोर आलोचना कर रहे हैं.