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जेटली के खिलाफ मानहानि मामला: विश्वास ने कोर्ट को बताया, हमने वही कहा जो केजरीवाल ने कहलवाया

विश्वास ने कहा कि अगर उनके बयान से जेटली की भावनाओं को ठेस लगी हो तो वे इसके लिए खेद जताते हैं

FP Staff

दिल्ली हाई कोर्ट ने कुमार विश्वास को डीडीसीए मामले में अंतिम बयान दर्ज कराने की मोहलत दे दी. अदालत अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 मई को करेगी.

आप नेता कुमार विश्वास ने गुरुवार को जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ को बताया कि पूर्व में उन्होंने जो भी बयान दिए हैं, वे सभी अरविंद केजरीवाल के इशारे पर दिए गए. विश्वास ने कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से इस मामले में आगे बढ़ने का इच्छुक नहीं हूं.' विश्वास ने आगे कहा, उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह केजरीवाल के कहे का दोहराव था.


विश्वास ने यह भी कहा कि अगर उनके बयान से जेटली की भावनाओं को ठेस लगी हो तो वे इसके लिए खेद जताते हैं. उन्होंने अदालत से इसलिए समय मांगा ताकि जब अगला बयान दें तो मानहानि का मामला सुलझ जाए.

केजरीवाल और आप के चार नेता राघव चड्डा, संजय सिंह, आशुतोष और दीपक वाजपेयी के जेटली से माफी मांगने के बाद कुमार विश्वास अब अकेले व्यक्ति बचे हैं, जिनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा चल रहा है. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इन लोगों के खिलाफ 10 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दायर किया था. विश्वास के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 मई की तारीख तय की है.

आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीसीए मानहानि मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और चार अन्य की सुलह संबंधी संयुक्त आवेदन को मंजूरी दे दी है. केजरीवाल, संजय सिंह और आशुतोष समेत कुल पांच आप नेताओं ने जेटली से माफी मांगी थी.

वित्तमंत्री जेटली ने अरविंद केजरीवाल और चार अन्य की माफी स्वीकार कर ली है. इसके बाद हाईकोर्ट ने डीडीसीए से जुड़ा मानहानि मामला बंद किया. हाईकोर्ट ने कहा कि आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्वास के खिलाफ मानहानि मामला चलता रहेगा क्योंकि उन्होंने सुलह का प्रस्ताव नहीं दिया है. दिल्ली की अदालत ने अरुण जेटली की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं को बरी कर दिया. साथ ही मामले को निपटाने के लिए संयुक्त आवेदन भी मंजूर कर लिया था.