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जाधव के मामले में पाकिस्तान ने नहीं किया है समझौते का उल्लंघन: पाक हाई कमीशनर

भारत ने 46 वर्षीय जाधव को राजनयिक संपर्क के लिए 15 बार पाकिस्तान से अनुरोध किया

Bhasha

पाकिस्तान ने सोमवार को भारत की इस बात से इंकार किया कि उसने भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अफसर कुलभूषण जाधव को राजनयिक संपर्क की अनुमति नहीं देकर द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन किया है. जाधव को वहां की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी है.

भारत ने 46 वर्षीय जाधव को राजनयिक संपर्क के लिए 15 बार पाकिस्तान से अनुरोध किया. जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और विध्वंस’ का दोषी करार दिया है.


पाकिस्तान के हाई कमीशन अब्दुल बासित ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि राजनयिक पहुंच को लेकर हुए द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक राजनीति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को इसके गुण-दोष के आधार पर निर्णय किया जाएगा. उन्होंने संकेत दिया कि राजनयिक पहुंच को हल्के में नहीं लिया जा सकता.

जाधव का ईरान से नहीं हुआ अपहरण 

भारत ने जाधव के जासूस होने के आरोपों को लगातार नकारते हुए कहा है कि पाकिस्तान के अधिकारियों ने ईरान से उनका अपहरण कर लिया जहां वो कानूनी रूप से कारोबार कर रहे थे.

ईरान से जाधव के अपहरण के भारत के दावे को खारिज करते हुए बासित ने कहा कि उन्हें बलूचिस्तान से पकड़ा गया और ‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों’ के लिए उन पर मुकदमा चला.

उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि भारतीय नागरिक कई वर्षों से पाकिस्तान की यात्रा कर रहे थे और उनके पास दो पासपोर्ट थे जिनमें एक फर्जी था.

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भारत के दावे पर कि पूरी सुनवाई ‘हास्यास्पद थी और गोपनीय तरीके’ से की गई. पाकिस्तान के हाई कमीशनर ने कहा कि उन पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया गया क्योंकि सिविल अदालत में मुकदमा चलाना संभव नहीं था.

जाधव को बार-बार राजनयिक पहुंच देने के भारत के आग्रह पर बासित ने कहा, ‘हमारे बीच द्विपक्षीय संबंध हैं जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि जो मामले राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों से संबंधित होंगे उन पर गुण-दोष के आधार पर फैसला होना चाहिए.’

जाधव अपीली अदालत जाने के लिए स्वतंत्र 

बासित ने कहा, ‘अभी तक हमने पूरी तरह देश के कानून और भारत के साथ 2008 के द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक फैसला किया है. हमने कोई भी उल्लंघन नहीं किया है. हम अपने कानून और द्विपक्षीय दायित्व और प्रतिबद्धता के मुताबिक आगे बढ़ रहे हैं.’

हाई कमीशनर ने पाकिस्तान में अपील की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि जाधव कभी भी अपीली अदालत में जा सकते हैं और अगर फैसला बरकरार रखा जाता है तो वह पाकिस्तान के सेना प्रमुख और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के समक्ष दया याचिका दायर कर सकते हैं.

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यह पूछने पर कि क्या उनके परिजन उनसे मिल सकते हैं तो बासित ने कहा कि यह कहना ‘जल्दबाजी’ होगा कि मामला कैसे आगे बढ़ रहा है.

मीडिया की इन खबरों के बारे में पूछने पर कि पाकिस्तान के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब का अपहरण भारतीय अधिकारियों ने भारत-नेपाल की सीमा के नजदीक किया है, इस पर पाकिस्तान के हाई कमीशनर ने कहा कि उनकी सरकार पाकिस्तानी नागरिक का पता लगाने के लिए नेपाल की सरकार के संपर्क में है.