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किरन रिजिजु मामला: 'भइया' को फंसाने वाली बातचीत लीक

सीवीओ सतीश वर्मा और किरन के भाई गोबोई रिजिजु के बीच फोन पर बातचीत लीक हुई है.

FP Staff

अरुणाचल प्रदेश की पनबिजली परियोजना में हुए कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट सामने आने के बाद से केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री किरन रिजिजु की मुश्किलें बढ़ रही हैं.

गौरतलब है कि इंडियन एक्सप्रेस ने मंगलवार (13 दिसंबर) को खबर की थी कि अरुणाचल प्रदेश के दो बांधों के निर्माण से जुड़ी मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) की रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री का भी नाम है.


अब बुधवार (14 दिसंबर) को इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने मुख्य सतर्कता अधिकारी सतीश वर्मा और किरन के भाई गोबोई रिजिजु के बीच कथित तौर पर हुई बातचीत को छापा है. कहा जा रहा है कि 29 मिनट की यह बातचीत दिसंबर 2015 में हुई थी. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश

गोबोई रिजिजु : सर, मैं गोबाई रिजिजु. मैं किरन रिजिजु का भाई सर.

(सतीश वर्मा से उनकी पटेल इंजीनियरिंग से पेमेंट न मिलने के संदर्भ में बातचीत होती है. इस दौरान वह किरन रिजिजु को भैया कह कर संबोधित करते रहते हैं. बाद में वह भैया के जरिये वर्मा के प्रमोशन की बात करते हैं.)

गोबोई रिजिजु: हमने तो सुना है आपका प्रमोशन भी होने वाला है.

सतीश वर्मा: पता नहीं. प्रमोशन हो रहा है मेरा या नहीं.

गोबोई रिजिजु: हो रहा है, बोला न सर. तो आप मेरे भैया के लायक कुछ होना हो तो आप बोलिए सर. कुछ भी सर, आप हमको बोलिए. भैया की कोई भी हेल्प चाहिए सर.

सतीश वर्मा: धन्यवाद. आप बहुत ही सम्मानित परिवार से हैं.

गोबोई रिजिजु: हमको खबर मिली. प्रोग्रेस है, बहुत अच्छी बात है. भैया की कुछ हेल्प चाहिए तो जो उससे पॉसिबल होगा...हमको बोलिए सर, जो पॉसिबल होगा वो हम कोशिश करेंगे...

सतीश वर्मा: धन्यवाद

(जब वर्मा उसने बिल्स के वेरीफिकेशन करने का जोर डालते है तब....)

गोबोई रिजिजु: तो हम उधर भी प्रेशर देगा जल्दी करने के लिए. मेरा नंबर आप ले लीजिए. भैया के लायक कोई भी काम हो तो आप हमको बोलिए. भैया से मिले हैं कि नहीं मिले.

सतीश वर्मा: नहीं मैं नहीं मिला. मैंने टीवी पे देखा है.

पूरी बातचीत पढ़ने के‍ लिए इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर देखें

हालांकि किरन रिजिजु ने टाइम्स आॅफ इंडिया अखबार से बातचीत में कहा कि गोबोई रिजिजु (प्रोजेक्‍ट के सब-कॉन्‍ट्रैक्‍टर) रिजिजु कबीले का हिस्‍सा हैं और उसी गांव से आते हैं, जहां से मैं हूं, मगर वह मेरे रिश्‍तेदार नहीं हैं.

गौरतलब है कि वर्मा की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि ठेकेदार पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड (पीईएल), एनईईपीसीओ अधिकारियों और वेस्ट कामेंग जिले के अधिकारियों ने 'व्यापक षडयंत्र' करके एनईईपीसीओ और सरकारी कोष का दुरुपयोग किया.

वर्मा की रिपोर्ट के अनुसार इस पनबिजली परियोजना में 450 करोड़ रुपए तक का भ्रष्टाचार हो सकता है.

गुजरात कैडर के आईपीएस एधिकार वर्मा को इस रिपोर्ट के बाद कॉरपोरेशन के मुख्य सतर्कता अधिकारी के पद से हटाकर सीआरपीएफ, त्रिपुरा भेज दिया गया है.

अपनी रिपोर्ट में वर्मा ने डैम बनाने के लिए पत्थरों की ढुलाई में लगी एजेंसी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड पर फर्जी बिल लगाने का शक जताया है. अपनी जांच में वर्मा ने पटेल इंजीनियरिंग के कई चालान भी फर्जी होने की बात कही है.

केंद्रीय मंत्री रिजिजु पर इसी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के बिल पास करवाने के लिए दबाव बनाने का आरोप है.

रिजिजु ने माना है कि उन्होंने पटेल इंजीनियरिंग का पत्र लेते हुए चिट्ठी लिखी थी. लेकिन ऐसा उन्होंने स्थानीय ठेकेदारों से बार बार अपील किए जाने के बाद किया. अपनी लिखी हुई चिट्ठी रिजिजु ने ट्विटर अकाउंट पर जारी की.