लोकसभा में स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेसी नेताअों से कहा कि आप टीवी में दिखने के लिए हंगामा कर रहे हैं तो मैं लोकसभा टीवी से कहती हूं वे इनको दिखाए, ताकि देश की जनता जान सकें कि आप क्या कर रहे हैं?
लोकसभा स्पीकर की इस टिप्पणी ने कांग्रेसी नेताअों और सांसदों की नाराजगी को कई गुना बढ़ा दिया.
लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुस्से में आकर कहा कि मैडम हम टीवी पर दिखना नहीं, बल्कि जनता की परेशानियों को सदन में उठाना चाहते हैं.
मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करनेवाले कांग्रेसी सांसद अचानक लोकसभा स्पीकर के प्रति आक्रामक नजर आए.
नाेटबंटी पर विपक्ष में अधिक भ्रम
नोटबंदी से किसको राजनीतिक लाभ या नुकसान होगा. इस सवाल पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेता भ्रम की स्थिति में हैं. विपक्षी नेताअों के बीच यह भ्रम अधिक दिखाई देता है.
दिलचस्प बात यह है कि कोई भी दल नोटबंदी का सीधे-सीधे विरोध करने का जोखिम नहीं उठाना चाहता है. इसलिए विपक्षी दल के नेता जनता की परेशानी और इससे हुई कथित मौतों को मुद्दा बना अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.
बसपा, तृणमूल कांग्रेस और आप ने ही इस कदम का विरोध किया है. समाजवादी पार्टी और राजद खुलकर विरोध नहीं कर रहे हैं.
नोटबंदी पर सरकार नहीं है परेशान
नोटबंदी पर संसद के दोनों सदनों में जारी गतिरोध से मोदी सरकार के प्रबंधक बिल्कुल परेशान नहीं है. इस मुद्दे पर होनेवाली बहस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोलेंगे कि नहीं, इस बात पर भाजपा चुप्पी साधे हुए हैं.
कहा जा रहा है कि 500 रुपए के नए नोट देश के सभी कोनों में उपलब्ध होने के बाद दोनों सदनों में बहस होगी. हो सकता है भाजपा कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हो जाए.
जब देश में नकदी की स्थिति थोड़ी बेहतर होगी तो प्रधानमंत्री मोदी संसद की बहस में हस्तक्षेप करेंगे.
राज्यसभा में आजाद पर भारी येचुरी
राज्यसभा में आज माकपा नेता सीताराम येचुुरी ने यह कहकर गतिरोध पैदा कर दिया कि नोटबंदी के बाद कथित तौर पर मारे गए 70 से अधिक लोगों पर भी श्रद्धांजलि प्रस्ताव पारित किया जाए.
पीठासीन अधिकारी ने कहा कि चेयरमेन की अनुमति के बिना इस तरह का श्रद्धांजलि प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकता है.
नोटबंदी पर जारी राजनीतिक लड़ाई अब श्रद्धांजलि प्रस्ताव पर अटक गई है. सीताराम येचुरी ने यह अहसास कराया कि गुलाम नबी आजाद की बजाय वे सदन में विपक्ष के नेता हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर की नोटबंदी
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना था कि मोदी ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर नोटबंदी का निर्णय लिया है. मोदी के लिए उत्तर प्रदेश के चुनाव अपना राजनीतिक वजूद बचाने का सवाल बन गया है.
यदि उत्तर प्रदेश में मोदी हार जाते हैं तो 2019 के लोकसभा चुनाव में दुबारा लौटने की संभावना खत्म हो जाएगी.