उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा देकर केंद्र सरकार का हिस्सा बनने की चर्चा तेज है. इन अटकलों के पीछे सियासी वजहों को जोड़कर देखा जा रहा है. बीएसपी अध्यक्ष मायावती के राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की खबर आने पर इन अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
केशव प्रसाद मौर्य को यूपी के डिप्टी सीएम के अपने पद पर बने रहने के लिए विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य होना जरूरी है. वर्तमान में वह फूलपुर से सांसद हैं. राष्ट्रपति के चुनाव में वोटिंग के मद्देनजर उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था. अगर वो सांसद के पद से इस्तीफा देते हैं तो फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा.
सूत्रों के अनुसार ऐसी स्थिति में मायावती फूलपुर उपचुनाव में उतरने का मन बना सकती हैं. इसी बिना पर ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि मायावती को केंद्र में जाने से रोकने के लिए बीजेपी केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दिलवाकर उपचुनाव की नौबत ही नहीं आने देना चाहती.
हालांकि मायावती ने अब तक फुलपूर उपचुनाव लड़ने के बारे में कोई घोषणा नहीं की है. फूलपुर संसदीय सीट से 1996 में बीएसपीके संस्थापक कांशीराम खुद चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी के जंग बहादुर पटेल ने तब उन्हें हरा दिया था लेकिन इस सीट पर ओबीसी, दलितों और अल्सपसंख्यकों की बड़ी आबादी है.
ऐसी भी अटकलें हैं कि मायावती अगर फूलपुर उपचुनाव लड़ती हैं तो एसपी और कांग्रेस जैसे विपक्षी दल उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर सकते हैं. ऐसे में बीजेपी को बीएसपी, एसपी और कांग्रेस के संयुक्त वोट से मुकाबला करना पड़ेगा.
इसे 2019 के लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में विपक्षी गठजोड़ के टेस्ट के तौर पर भी देखा जा रहा है. इन सब वजहों से बीजेपी चौकन्ना हो गई है और वह किसी भी सूरत में विपक्षी महागठबंधन को मौका देने के मूड में नहीं है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी के रणनीतिकार मान रहे हैं कि केशव प्रसाद मौर्य अपनी लोकसभा सदस्यता न छोड़ें और फूलपुर सीट से सांसद बने रहें.
अगस्त में मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. अटकलें हैं कि यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं.