view all

केरल को उत्तर प्रदेश से सीखने की जरूरत: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुकाबले केरल जनसंख्या में काफी छोटा राज्य है. उसे यूपी के भीतर चल रहे काम से सीखने की जरूरत है

Amitesh

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि केरल को उत्तर प्रदेश से सीखने की जरूरत है. योगी ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के छह महीने के कार्यकाल में हुए कामों को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को आईना दिखाया है. योगी ने केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन की इस बात का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने योगी आदित्यनाथ के केरल दौरे को लेकर तंज कसा था. पी विजयन ने योगी आदित्यनाथ को केरल के अस्पतालों का दौरा करने की नसीहत दी थी.

बीजेपी की जनरक्षा यात्रा के दौरान बुधवार को योगी आदित्यनाथ ने केरल की सीपीएम सरकार पर राजनीतिक हत्याओं को लेकर निशाना साधा. अपनी पदयात्रा के दौरान योगी आदित्यनाथ से फ़र्स्टपोस्ट संवाददाता अमितेश ने बात की. प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश


फ़र्स्टपोस्ट: केरल के मुख्यमंत्री ने कहा है कि यूपी के सीएम को यात्रा के दौरान केरल के अस्पतालों को देखना चाहिए कैसे काम होता है. इस बयान को कैसे देखते हैं आप?

योगी आदित्यनाथ: पिछले छह महीने में यूपी में बेहतर काम हुआ है. छह महीने के भीतर डेंगू से लेकर चिकनगुनिया और बाकी बीमारियों के इलाज को लेकर काफी अच्छा काम हुआ है. लेकिन, केरल में तो पिछले छह महीने में डेंगू से 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. जबकि केरल उत्तर प्रदेश के मुकाबले जनसंख्या में काफी छोटा राज्य है. उन्हें यूपी के भीतर चल रहे काम से सीखने की जरूरत है.

अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी केरल में 15 दिन की जनरक्षा यात्रा निकाल रही है

फ़र्स्टपोस्ट: योगी जी, आप जनरक्षा यात्रा में भाग लेने के लिए देश के उत्तरी छोर से दक्षिणी छोर तक पहुंच गए हैं. आखिर क्या जरूरत पड़ी कि आपको यूपी से केरल तक आना पड़ा?

योगी आदित्यनाथ: देखिए लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. लोकतंत्र सहमति और असहमति के बीच समन्वय है. लेकिन, केरल में जिस तरह से उन कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है जो सीपीएम के कैडर्स नहीं हैं. उनकी निर्मम हत्या हो रही है. यह अत्यंत चिंता का विषय है. मुख्यमंत्री के गृह जनपद में ज्यादा हत्याएं हुई हैं इसलिए बीजेपी की जनजागरण यात्रा में शामिल होकर हमें आम जन को सुरक्षा के लिए जागरूक करने के लिए आना पड़ा.

फ़र्स्टपोस्ट: सीपीएम की तरफ से कहा जाता है कि आप लोगों की तरफ से भी राजनीतिक हत्याएं होती हैं यानी हिंसा दोनों तरफ से होती है.

योगी आदित्यनाथ: सत्ता में वो लोग हैं, राजनीतिक हत्यारों को संरक्षण वो लोग देते हैं. बीजेपी की इस देश के अंदर 17 प्रदेशों में सरकार है. एक भी राज्य सरकार पर इस तरह का आरोप नहीं लग सकता. ये चीजें इस बात को साबित करती हैं कि बीजेपी भारत के संविधान में विश्वास करती है. और भारत के हर नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देने का काम भी करती है. लेकिन, केरल में जो सीपीएम की विचारधारा से सहमत नहीं, सीपीएम की नीतियों से सहमत नहीं, उनकी राजनीतिक हत्याएं होती हैं.

राजेश की हत्या, विनोद की हत्या, टी के विश्वनाथन की हत्या, सुमित की हत्या इस बात को प्रमाणित करती है कि ये दलित थे. यहां दलितों और महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है, यह सब इस बात को साबित करता है.

फ़र्स्टपोस्ट: आरएसएस ने केरल की हिंसा को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की थी. क्या कहना चाहेंगे आप?

योगी आदित्यनाथ: लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. अगर कोई सरकार हिंसा को प्रेरित और प्रोत्साहित करती है तो यह माना जाना चाहिए कि उसका लोकतंत्र और संविधान में विश्वास नहीं है.

फ़र्स्टपोस्ट: आपकी छवि एक हिंदुत्ववादी नेता की रही है. क्या पार्टी आपकी छवि को केरल में भुनाने की कोशिश में है?

योगी आदित्यनाथ: मैं एक कार्यकर्ता हूं और एक कार्यकर्ता के रूप में ही यहां आया हूं. मैं यही चाहता हूं कि आम जन सुरक्षित हों. बीजेपी के इस मिशन में इस जनजागरण के अभियान में हिस्सा लेने के लिए मैं केरल आया हूं.

फ़र्स्टपोस्ट: अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इस जनजागरण अभियान का कितना फायदा मिलेगा क्योंकि बीजेपी ने केरल के मुद्दे को पूरे देश में जोर-शोर से उठा दिया है?

योगी आदित्यनाथ: यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है, आम जनजीवन से जुड़ा मुद्दा है. इसे इसी रूप में लेने की जरूरत है.