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केरल बीफ फेस्ट: गोवंश की हत्या का विवाद कांग्रेस पर भारी पड़ सकता है

केरल बीफ विवाद से कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है

Amitesh

केरल के कन्नूर जिले में यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन और उसमें तथाकथित तौर पर एक गोवंश की हत्या की तस्वीरें जैसे ही वायरल हुई, इस पर सियासी बखेड़ा  खड़ा हो गया है. ऐसा होना भी था, क्योंकि जिस संवेदनशील मुद्दे को लेकर पूरे देश में इस वक्त वाद-विवाद चल रहा है, बहस हो रही है, ठीक उसी बीच कन्नूर की घटना का सामने आना एक साथ कई सवालों को जन्म देता है.

यूथ कांग्रेस के लोगों की तरफ से केरल में धरना दिया जा रहा था. ये विरोध प्रदर्शन था, केंद्र के उस फैसले के खिलाफ जिसमें कत्ल के मकसद से गोवंश की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की बात कही गई थी. केंद्र की तरफ से की गई इस कार्रवाई का कांग्रेस समेत कई दलों ने विरोध भी किया था.


लेकिन, हद तब हो गई जब विरोध के नाम पर सरेआम गोवंश की हत्या कर बीफ फेस्ट मनाया गया.

केरल बीजेपी अध्यक्ष वी राजशेखरन ने इस घटना का विरोध करते हुए इस वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट कर दिया, जिसके बाद ये वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजेंदर सिंह बग्गा ने इस वीडियो पर सवाल खड़ा करते हुए इसे 100 करोड़ हिंदूओं का अपमान बता दिया. फिर इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई.

पहले कांग्रेस की तरफ से इस मुद्दे पर गोल-मोल जवाब दिया गया लेकिन, बाद में बीजेपी नेता तेजेंद्र सिंह बग्गा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ यूथ कांग्रेस के उस नेता की तस्वीर को सामने लाकर कांग्रेस और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के ऊपर सवालों के दनादन वार कर दिए.

मामला बढ़ा तो कांग्रेस सफाई की मुद्रा में आ गई. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घटना की निंदा की है. राहुल ने ट्वीट कर कहा कि, 'केरल में जो कुछ भी हुआ वो क्रूर है, मैं और मेरी पार्टी ऐसी किसी चीज को बर्दाश्त नहीं करेगी, मैं कड़े शब्दों में इस घटना की आलोचना करता हूं.' उन्होंने कहा कि कोई भी सामान्य व्यक्ति इस तरह का आचरण नहीं कर सकता.

लेकिन, बीजेपी अब सवाल पूछ रही है कांग्रेस से. उसे एक ऐसा मुद्दा मिल गया है जिसके सहारे वो आने वाले दिनों में कांग्रेस समेत उन तमाम लोगों को घेर सकती है, जो अपने आप को सेक्युलर कहते नहीं थकते.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी शुरुआत भी कर दी है. योगी अब सेक्युलर लोगों की चुप्पी पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

कांग्रेस को इसका सियासी नुकसान उठाना होगा

इस घटना से एक बार फिर से कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है. उसे फिर से सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि इस तरह के वीडियो के सामने आने के बाद अब गोरक्षकों के हंगामे के नाम पर बीजेपी को घेरने की उसकी रणनीति की धार कुंद हो सकती है. अब तक मोदी सरकार के आने के बाद तथाकथित गोरक्षकों की तरफ से की गई हिंसक वारदातों को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर था. लेकिन अब अपने ही नेता और कार्यकर्ता की हरकत ने उसे परेशान कर दिया है.

कांग्रेस के ऊपर बीजेपी और संघ परिवार के लोग पहले से ही मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते रहे हैं. यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल में लगातार इस मुद्दे को लेकर बीजेपी, कांग्रेस को घेरती रही है. इसके बाद 2014 की कांग्रेस की बड़ी हार के बाद कांग्रेस में मंथन हुआ.

ए के एंटनी कमेटी की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया था कि कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण पार्टी की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति भी रही है. रिपोर्ट में कहा गया कि जनता के बीच इस तरह का संदेश गया कि कांग्रेस अल्पसंख्यक समाज का तुष्टीकरण करती है. जिसका खामियाजा चुनावों में उठाना पड़ा.

यूपीए सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके ए के एंटनी केरल के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. लेकिन लगता है उन्हीं के गृह-राज्य में उनकी रिपोर्ट और उससे सीख लेने की फिक्र पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को नहीं है. शायद उनके अपने ही राज्य के कांग्रेसी उनकी नहीं सुन रहे वरना इस तरह बीफ फेस्ट करने के पहले सौ बार सोचते.

आने वाले दिनों में भले ही केरल में विधानसभा चुनाव नहीं होने हैं. लेकिन, गुजरात जैसे संवेदनशील राज्य में जहां इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं, वहां बीजेपी इस तरह की घटनाओं को बड़ा मुद्दा बनाकर कांग्रेस और राहुल को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल सकती है.