दिल्ली में रविवार को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई. इसमें पार्टी की दशा-दिशा पर गंभीर विमर्श किया गया. भविष्य में पार्टी की क्या योजनाएं और तैयारियां हैं, इस पर विस्तृत ढंग से प्रकाश डाला गया. जेडीयू ने उन अटकलों का भी जवाब दिया जिनमें आरजेडी-कांग्रेस के साथ पुनः गठबंधन के कयास लगाए जा रहे हैं.
पार्टी के महासचिव केसी त्यागी ने पत्रकारों से कहा, कांग्रेस जबतक आरजेडी जैसी भ्रष्ट पार्टी पर अपना स्टैंड साफ नहीं कर देती, तबतक उससे किसी प्रकार की बातचीत संभव नहीं है.
पार्टी की तैयारियों के बारे में त्यागी ने कहा, जेडीयू मणिपुर, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने आगे कहा, कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि हम बीजेपी की मदद कर रहे हैं लेकिन हम न तो मदद कर रहे हैं और न ही विरोध कर रहे हैं.
असली जेडीयू कौन है, नीतीश कुमार वाली या शरद यादव वाली. इस सवाल पर त्यागी ने कहा, कौन असली और कौन नकली जेडीयू है, इसपर बहस बंद होनी चाहिए. केवल एक जेडीयू है जिसकी अध्यक्षता नीतीश कुमार करते हैं.
एक देश-एक चुनाव के मुद्दे पर उन्होंने कहा, हम लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराए जाने के पक्ष में हैं लेकिन इसे कराया जाना इतना आसान नहीं है.
जेडीयू नेता त्यागी ने कहा, हालांकि हम साथ चुनाव कराए जाने का विरोध नहीं करते क्योंकि इससे चुनावों में पारदर्शिता आएगी, काला धन पर अंकुश लगेगा और अच्छा शासन मिल सकेगा.
दिल्ली में रविवार की इस बैठक में शामिल अधिकांश जेडीयू नेता नीतीश कुमार के इस प्रस्ताव से सहमत थे कि बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन बरकरार रहना चाहिए. हालांकि इस दौरान यह भी तय किया गया कि बिहार के बाहर भी पार्टी अपना विस्तार जारी रखेगी.
जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने न्यूज18 को बताया कि इस बैठक में शीट शेयरिंग को लेकर भी चर्चा हुई और तय किया किया गया बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से जेडीयू कम से कम 17-18 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
इस दौरान पार्टी के नेताओं ने सीटों की दावेदारी पर भी विचार किया. पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, जेडीयू और बीजेपी के 17-17 सीटों पर लड़ने, जबकि एलजेपी और आरएलएसपी के लिए 6 सीटें छोड़ने की बात कही गई.
(इनपुट न्यूज18 से)