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करुणानिधि ने 30 साल पहले स्टालिन को बताया था, क्या लिखना है उनके ताबूत पर

सोने के रंग के इस ताबूत पर जो वाक्य तमिल में लिखा था उसका तजुर्मा कुछ इस तरह था- 'जिस शख्स ने कभी विश्राम नहीं किया अब वह चैन की नींद सो रहा है.'

FP Staff

करुणानिधि के साहित्य और कविता प्रेम से हर कोई वाकिफ है. अब जब डीएमके के दिग्गज नेता इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं तो उनके साहित्य और सिनेमा के लिए किए गए कार्य हमारे साथ हमेशा रहेंगे. ऐसे ही उनके एक साहित्यिक रचना से हम रूबरू तब हुए जब उन्हें दफनाने के लिए ताबूत में ले जाया जा रहा था.

जिस ताबूत में उनके पार्थिव शरीर को रखकर समाधि के लिए ले जाया गया उसपर लिखा वाक्य करुणानिधि ने अपने बेटे स्टालिन को 30 साल पहले ही सुना दिया था. सोने के रंग के इस ताबूत पर जो वाक्य तमिल में लिखा था उसका तजुर्मा कुछ इस तरह था- 'जिस शख्स ने कभी विश्राम नहीं किया अब वह चैन की नींद सो रहा है.'


मंगलवार शाम में आखिरी सांस लेने वाले द्रविड राजनीति के आखिरी दिग्गज नेता करुणानिधि को बुधवार को चेन्नई स्थित मरीना बीच के समाधि परिसर में दफनाया गया. इसी बीच पर करुणानिधि के राजनीतिक गुरु अन्नादुरई, एमजी रामचंद्रन और जे जयललिता का भी स्मारक है.

पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि ने 1957 से व्यक्तिगत तौर पर कभी कोई चुनाव नहीं हारा था. वो 13 बार राज्य विधानसभा पहुंचे थे. तमिल राजनीति के सबसे बड़े नेताओं में से एक करुणानिधि को मरीना बीच पर समाधि के लिए जगह देने से राज्य सरकार ने इनकार कर दिया था.

राज्य सरकार के इनकार के बाद डीएमके ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने आधी रात में सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी. लेकिन सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए समय मांगने के बाद सुनवाई दोबारा बुधवार सुबह शुरू हुई और हाईकोर्ट ने करुणानिधि को समाधि के लिए मरीना बीच पर जगह देने का फैसला सुनाया.