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कर्नाटक: वित्त के साथ 10 और विभाग ले गए कुमारस्वामी, कांग्रेस में बेचैनी

कुमारस्वामी ने ऊर्जा विभाग भी अपने पास रखा है. इस विभाग को लेकर दोनों दलों कांग्रेस और जेडीएस के बीच विवाद था

FP Staff

कर्नाटक में गठबंधन सहयोगियों के बीच भारी खींचतान के बाद शुक्रवार रात मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया. मुख्यमंत्री ने अहम वित्त विभाग अपने पास रखा है जबकि गृह विभाग उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर को दिया है. परमेश्वर कांग्रेस के नेता हैं.

कुमारस्वामी ने ऊर्जा विभाग भी अपने पास रखा है. इस विभाग को लेकर दोनों दलों कांग्रेस और जेडीएस के बीच विवाद था. विभागों का बंटवारा सत्ता साझेदारी समझौते के तहत किया गया है.

कांग्रेस और जेडीएस में वित्त विभाग को लेकर खींचतान की अटकलें थीं. ऐसी खबरें थीं कि कांग्रेस अपने पास वित्त विभाग रखेगी ताकि किसानों के कर्ज माफ कर 2019 का चुनावी माहौल बनाया जा सके. कांग्रेस की इस योजना पर कुमारस्वामी फिलहाल रोक लगाते दिख रहे हैं.

विभाग बंटवारे की सबसे खास बात यह रही कि सीएम कुमारस्वामी ने लगभग सभी अहम विभाग अपने पास रखे हैं. इसमें वित्त, ऊर्जा, इंटेलीजेंस, सार्वजनिक उपक्रम, कैबिनेट मामले, प्रशासनिक सुधार आदि शामिल हैं.

कुमारस्वामी के पास 11 विभाग रहने के एक सवाल के जवाब में जेडीएस नेता दानिश अली ने कहा, इससे पता चलता है कि किसी गठबंधन में जूनियर पार्टनर का भी कितना बड़ा रोल हो सकता है. इससे यह भी पता चलता है कि गठबंधन सरकार कैसे चलती है. अब हमारी सरकार के आलोचकों को जवाब देना चाहिए.

डेक्कन क्रॉनिकल ने मंत्री पद के बंटवारे को लेकर एक रिपोर्ट में कहा है कि कांग्रेस ने कैबिनेट विस्तार के पहले राउंड में 15 सीटें भरने का फैसला किया था और बाकी पद बाद के महीनों में भरे जाने की बात थी. इस बीच नेताओं की बगावत को देखते हुए प्रदेश के नेताओं ने हाई कमान से आग्रह कर इसी राउंड में वरिष्ठ नेताओं को मंत्री बनाने की मांग रखी है. इन नेताओं में एचके पाटिल, रामलिंगा रेड्डी और एसआर पाटिल जैसे नेताओं के नाम हैं.

एक सूत्र ने डेक्कन क्रॉनिकल को बताया, ज्यादातर नाराज नेता 2019 तक इंतजार नहीं करना चाहते. ऐसे में दूसरे राउंड का फेरबदल बहुत जल्द हो सकता है. मंत्री पद की इच्छा रखने वाले बाकी के नेताओं को सरकारी बोर्ड और निगमों में जगह दी जाएगी.

दो साल पर मंत्री बदलेगी कांग्रेस

सत्ता साझेदारी सिर्फ जेडीएस-कांग्रेस के बीच ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने अपने लिए भी एक खास योजना बनाई है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, कर्नाटक सरकार में कांग्रेस के मंत्रियों को दो साल पर बदल दिया जाएगा. इतना ही नहीं, जो मंत्री ठीक से काम नहीं करेंगे, उन्हें हटाया भी जा सकता है. प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष और मौजूदा डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर ने पिछली सरकार में भी मंत्रियों के फेरबदल की योजना बनाई थी लेकिन वह लागू नहीं हो पाई.

हालिया योजना के बारे में  कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा, दो साल पर जब फेरबदल होगा तो जो नए मंत्री बनाए जाएंगे उनका कार्यकाल तीन साल का होगा. जो मंत्री ठीक से काम नहीं करेंगे उन्हें 6 महीने के लिए खुद की समीक्षा करने के लिए भेजा जाएगा.

कांग्रेस में बगावती सुर

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार को बने अभी कुछ दिन भी नहीं बीते कि मंत्रिमंडल को लेकर फूट पड़नी शुरू हो गई है. करीब एक दर्जन नेता जिनको कैबिनेट में जगह नहीं मिली, उन्होंने विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है.

न्यूज18 के लिए डीपी सतीश की एक रिपोर्ट बताती है कि उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के घर पर हुई देर रात की मीटिंग में भी इसका कोई हल नहीं निकल पाया और असंतुष्ट विधायकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. नामी विधायक एमबी पाटिल, रोशन बेग, शमनूर शिवशंकरप्पा और सतीश झरकिहोली, एम कृष्नप्पा, दिनेश गुंडुराव, ईश्वर खांड्रे उन विधायकों में शामिल हैं जो कि कैबिनेट में मंत्रियों के चुनाव को लेकर खासतौर पर असंतुष्ट हैं.

कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता पाटिल, गुंडूराव, बेग, रेड्डी, झरकिहोली और शिवशंकरप्पा का मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाना चौंकाने वाला था. अपमानित महसूस करते हुए वे लोग इस पर सवालिया निशान लगा रहे हैं.