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बदलाव की राह पर देवगौड़ा, बेटे की कुर्सी की खातिर कर रहे हैं Gen Next से 'दोस्ती'

कर्नाटक की तस्वीर बदल चुकी है. कर्नाटक में तेज़ी से बदलती राजनीति परिदृश्य में एक ही चीज़ स्थाई है और वो हैं एचडी देवगौड़ा

FP Staff

कर्नाटक में कांग्रेस से गठबंधन कर जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री तो बन गए, लेकिन कांग्रेस नेताओं के साथ अभी तक उनके मतभेद बीच-बीच में उजागर हो ही जाते हैं. कुमारस्वामी ने भी कई मौकों पर इसके संकेत दिए हैं. जाहिर तौर पर इससे सरकार के कामकाज पर असर हो रहा है. ऐसे में कुमारस्वामी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने चीज़ों को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी संभाली है.

इसके लिए देवगौड़ा एक परिवार के मुखिया की तरह कांग्रेस नेताओं से बातचीत कर मनमुटाव दूर करने का हल खोजने में जुटे हैं, ताकि उनके बेटे कुमारस्वामी की सरकार सुचारू रूप से चल सके.


गुंडुराव-देवगौड़ा की पहली मुलाकात

इस कड़ी में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने शनिवार शाम को पूर्व पीएम और जेडीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवगौड़ा के साउथ बेंगलुरु स्थित आवास पर मुलाकात की. मीडिया में इसे अनौपचारिक मुलाकात बताया गया. प्रदेश कांग्रेस यूनिट की कमान संभालने के बाद गुंडुराव की देवगौड़ा के साथ ये पहली मुलाकात थी. चूंकि, कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार को कांग्रेस का समर्थन है. इसलिए गुंडुराव-देवगौड़ा की इस मीटिंग को कुछ खास तवज्जो नहीं दी गई. हालांकि, राजनीतिक पंडितों की इस मुलाकात पर नज़र जरूर थी.

देवगौड़ा के नेतृत्व में ये वही जनता दल सेक्युलर पार्टी है, जिसने 1983 में गुंडुराव के पिता आर गुंडुराव की सरकार गिराई थी और पहली बार कर्नाटक में गैर-कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई. हालांकि, राजनीतिक साज़िशों के चलते देवगौड़ा को सीएम की कुर्सी 'आउटसाइडर' रामकृष्ण हेगड़े के लिए छोड़नी पड़ी.

आर गुंडुराव से 10 साल सीनियर थे देवगौड़ा 

आर. गुंडुराव साल 1972 में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. इस समय तक देवगौड़ा तीन बार विधायक चुने जा चुके थे. राजनीतिक करियर की बात करें, तो देवगौड़ा आर गुंडुराव से 10 साल सीनियर भी थे.

आर. गुंडुराव 1980 से 1983 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं. उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष बनकर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. फिर 1972 और 1978 में सोमवारपेट से विधायक बने. देवराज उर्स की सरकार में मंत्री रहे और लंबे वक्त तक विपक्ष के नेता भी रहे. उर्स के बाद ही वह सीएम बने थे. 1989 से 1991 तक वह बेंगलुरु साउथ लोकसभा सीट से सांसद भी रहे. 1980 में आर. गुंडुराव 40 साल की उम्र में कर्नाटक के सबसे युवा सीएम बने.

शुरुआती दिनों में दिनेश गुंडुराव कर्नाटक यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष थे. उस दौरान उनका ज्यादातर वक्त जेडीएस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने में भी बीतता था. उन्होंने 1999 में गांधीनगर विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़ा था, जिसमें विजेता रहे थे. तब से 2013 तक इसी विधानसभा से चार बार जीत चुके हैं. कर्नाटक सरकार में खाद्य-आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं. अभी गुंडुराव कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं.

हालांकि, कर्नाटक की तस्वीर बदल चुकी है. कर्नाटक में तेज़ी से बदलती राजनीति परिदृश्य में एक ही चीज़ स्थाई है और वो हैं एचडी देवगौड़ा. सात बार विधायक और सात बार सांसद रहे चुके जेडीएस सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा अब अपने समकालीन नेताओं के बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं. शायद बदलाव इसे ही कहते हैं.

(न्यूज़18 के लिए डीपी सतीश की रिपोर्ट)