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नहीं सुलझ रहा कर्नाटक संकट, CM कुमारस्वामी बोले- BJP का 'ऑपरेशन कमल' अब भी जारी

कुमारस्वामी के लगाए आरोपों को खारिज करते हुए कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें आधारहीन बातें बोलने के बजाए अपने विधायकों को एकजुट रखना चाहिए

FP Staff

कर्नाटक में पिछले कुछ समय से जारी सियासी उथल-पुथल का दौर थम नहीं रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बीजेपी पर उनके विधायकों को लालच देकर अपने पाले में करने की कोशिश का आरोप लगाया है.

शनिवार को कुमास्वामी ने कहा कि राज्य में 'ऑपरेशन कमल' अभी भी जारी है.  बीती रात को उन्होंने (बीजेपी) हमारे चार में से एक विधायक को काफी बड़ी अमाउंट ऑफर की थी. लेकिन हमारे विधायकों ने यह कहकर इसे इनकार कर दिया कि उन्हों इसकी जरूरत नहीं है. इसके अलावा उन्होंने (विधायकों) उन्हें ऐसा करने से बाज आने की भी नसीहत दी.


सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि बीजेपी उनके (जनता दल सेकुलर) विधायकों को तोड़ने की हर संभव प्रयास कर रही है.

वहीं कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बी.एस येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी के लगाए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि हम किसी 'ऑपरेशन कमल' में शामिल नहीं हैं. उनके विधायक खुद ही पार्टी में घमासान से दुखी होकर इससे अलग होना चाह रहे हैं.

येदियुरप्पा ने कहा कि यह उनकी (एच.डी कुमारस्वामी) जिम्मेदारी है कि वो अपने विधयकों को एकजुट रखें. उन्हें हमारे खिलाफ आधारहीन बयान देने से बचना चाहिए. हम लोग 106 विधायक (बीजेपी के 104 और 2 निर्दलीय) हैं और यहां विपक्ष में हैं.

दो निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस-JDS सरकार से समर्थन वापस लिया

राज्य में दरअसल यह सियासी संकट तब खड़ा हो गया था जब पिछले दिनों कथित रूप से मुंबई के एक आलीशान होटल में कांग्रेस के चार विधायकों के साथ रूके दो निर्दलीय विधायकों (एच. नागेश और आर.शंकर) ने कुमारस्वामी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी थी.

इसके बाद यह अटकलें जोर पकड़ने लगी थी कि कांग्रेस के कुछ विधायक जो बीजेपी के संपर्क में हैं वो पार्टी से अपना इस्तीफा दे देंगे.

बता दें कि पिछले साल (2018) मई में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और जनता दल सेकुलर (जेडीएस) ने गठबंधन कर राज्य में मिलीजुली सरकार बनाई थी. 224 सदस्यों वाले विधानसभा में 104 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी हालांकि वो फिर भी बहुमत से दूर रह गई थी. कांग्रेस को 80 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि जेडीएस के खाते में 37 सीटें आई थी.