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बेंगलुरु छेड़छाड़ मामला: गृह मंत्री के वायरल बयान का सच जानिए

मीडिया में दिखाई गई वीडियो में मंत्री जी परमेश्वर अपने दिए बयान में छेड़छाड़ की घटना का कहीं भी बचाव करते नहीं दिखे

Hassan M Kamal

सोशल मीडिया के जमाने में जहां सूचना सेकेंडों में फैल जाती है वहां खबर और झूठ के बीच फर्क करना जरूरी हो जाता है. अक्सर जहां सच, झूठ और बात बढ़ाचढ़ा कर कहने में फर्क बस इतना होता है कि, आप इसे कितने जोरदार तरीके से पेश करते हैं. साथ ही इसे लेकर आपके पीछे कितने लोग खड़े हैं.

31 दिसंबर को न्यू ईयर की रात मध्य बेंगलुरू के एमजी रोड, ब्रिगेड रोड और चर्च स्ट्रीट पर हुड़दंगियों के लड़कियों से छेड़छाड़ की. इस खबर के फैलते ही कुछ मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया कि कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इस घटना के लिए 'पश्चिमी पहनावे' और 'पश्चिमी सोच' को जिम्मेदार ठहराया है. छेड़छाड़ की घटना को उन्होंने 'सामान्य सी घटना' करार दिया.


#Correction #CaughtonCam: Two scooter-borne men molest a girl in Kammanahalli area in Bengaluru (Source: Unverified) pic.twitter.com/fAKPfMkoOz

कहने की जरूरत नहीं, इस खबर से सोशल मीडिया और उससे बाहर के लोग काफी गुस्से से भर गए. कई मीडिया संस्थानों (प्रिंट, टीवी और डिजिटल) ने कर्नाटक के मंत्री जी परमेश्वर के लैंगिक तौर पर दिए बयान को बार-बार दिखाया.

बयान तोड़मरोड़ कर पेश हुआ

बयान के लिए महिलाओं, समाजिक कार्यकर्ताओं और मीडिया के द्वारा माफी की बार-बार मांग करने के बावजूद परमेश्वर ने गुरुवार को फिर कहा कि उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया.

इससे ये सवाल पैदा होता है कि क्या परमेश्वर ने सच में छेड़छाड़ की घटना का बचाव किया था? जैसा कि खबर में पीड़ित महिला के ‘पाश्चात्य पहनावे’ को इस सबके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था.

परमेश्वर के वायरल वीडियो में ये कहा गया-

'नए साल का जश्न, आप जानते हैं, ब्रिगेड रोड, कमर्शियल स्ट्रीट और एमजी रोड, यहां युवा बड़ी संख्या में जुटते हैं. और ये सभी युवा लगभग विदेशियों की तरह थे. वो विदेशियों को नकल करने की कोशिश करते हैं, न सिर्फ उनके जैसी सोच बल्कि उनके जैसे पहनावे की भी. आप जानते हैं, कुछ गड़बड़ी, कुछ लड़कियों के साछ छेड़छाड़ हुई है. इस तरह की घटनाएं होती हैं. इसलिए इस साल हमने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 500 से ज्यादा पुलिसवाले और सादे कपड़ों में महिलाओं को भी तैनात किया था'.

वीडियो में परमेश्वर ने कहीं भी इस घटना को सही ठहराने की कोशिश नहीं की. आप उनकी कही बात को यहां सुन सकते हैं

असल में वो यहां घटी पुरानी घटनाओं का हवाला दे रहे थे. जब उन्होंने कहा कि, ‘ऐसी घटनाएं होती रहती हैं’. उनके कहे शब्दों में न्यू ईयर पर छेड़छाड़ होना वैसी ही सामान्य बात है, जैसा कि शराब पीकर गाड़ी चलाना, चोरी, आदि. अब अगर ये मान लिया जाए कि ऐसी विशेष आपराधिक घटनाओं होती रहती हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि उनका बचाव किया जा रहा है.

मंत्री जी परमेश्वर ने छेड़छाड़ की घटनाओं को स्वीकार करते हुए इसपर चिंता जताई. उन्होंने न्यू ईयर पर किए गए सुरक्षा इंतजामों पर बल दिया. अगर उनके शब्दों पर गौर करें तो आपको पता चलेगा कि अपने दिए बयान में कहीं भी उन्होंने छेड़छाड़ को सही नहीं ठहराया है. जैसा कि मीडिया की खबरों में दावा किया गया था. उनके दिए पूरे बयान को एक बार फिर से सुनिए.

'पाश्चात्य पहनावे' और 'सोच' की आलोचना नहीं

जो भी हो, परमेश्वर युवाओं की पाश्चात्य सोच और पहनावे पर बात करते हैं. इसे अप्रत्यक्ष तौर पर न्यू ईयर पर गड़बड़ी और लड़कियों के साथ हुई छेड़छाड़ के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं.

पक्के तौर पर एक मंत्री से इस तरह की सोच और मानसिकता की उम्मीद नहीं की जाती. हालांकि, परमेश्वर युवाओं के 'पाश्चात्य पहनावे' और 'सोच' की कहीं भी आलोचना नहीं करते.

खबर की सच्चाई का पता लगाने की हमारी कोशिश में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर के छेड़छाड़ की घटना का बचाव करने वाला बयान सही नहीं है. हालांकि, अगर 'पाश्चात्य सोच' और 'पहनाने' को लेकर उनपर आरोप लग रहे हैं तो ये 'कुछ हद तक' सही है.