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'कांग्रेस-JDS गठबंधन को आमंत्रित करने के अलावा राज्यपाल के पास कोई विकल्प नहीं'

सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव बाद गठबंधन को सरकार गठन के लिए सबसे पहले आमंत्रित करने में हाल के कई उदाहरण हैं, उन्होंने गोवा, मणिपुर और मेघालय का हवाला दिया

Bhasha

कर्नाटक में खंडित जनादेश आने के बीच बीजेपी और कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की ओर से सरकार गठन का दावा किए जाने के बाद कांग्रेस ने कहा है कि राज्यपाल के पास इस गठबंधन को आमंत्रित करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

पार्टी ने यह भी कहा कि वह आशा करती है कि राज्यपाल संवैधानिक प्रावधानों और स्थापित परिपाटी के मुताबिक कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे.


कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी बहुमत के आंकड़े से दूर है, लेकिन वह साजिश के तहत एसआर बोम्मई मामले का हवाला देकर अपनी सरकार बनाने की कोशिश कर रही है. देश और मीडिया को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि अगर चुनाव बाद हुए किसी गठबंधन के पास स्पष्ट बहुमत है तो राज्यपाल के पास उस गठबंधन को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. इसलिए हम अपेक्षा करते हैं कि राज्यपाल संवैधानिक परंपराओं और अब तक की परिपाटी के अनुरूप इस कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे.

सुरजेवाला ने गोवा, मणिपुर और मेघालय का दिया हवाला

उन्होंने कहा कि चुनाव बाद गठबंधन को सरकार गठन के लिए सबसे पहले आमंत्रित करने में हाल के कई उदाहरण हैं. पिछले साल मार्च में 40 सदस्यीय गोवा में 18 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन राज्यपाल ने बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को आमंत्रित किया.

सुरजेवाला ने कहा कि मार्च 2017 में 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में कांग्रेस के 28 विधायक जीते और बीजेपी के 21 विधायक जीते, लेकिन राज्यपाल ने चुनाव बाद गठबंधन के आधार पर बीजेपी नीत गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता दिया और वहां सरकार बनी. मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन सरकार बनाने के लिए बीजेपी और उसके साथी दलों को बुलाया गया.

इससे पहले सुरजेवाला ने 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने का हवाला दिया और कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के पास गठबंधन सरकार के लिए पूर्ण बहुमत है.

राष्ट्रपति नारायणन के फैसले को भी सुरजेवाला ने दिलाया याद

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस और जेडीएस 95 सीटें जीत चुकी हैं और 20 पर आगे चल रही हैं. यह स्पष्ट है कि गठबंधन के लिए दोनों के पास स्पष्ट बहुमत है. दोनों को कुल मतों का 56 फीसदी मत मिले हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति केआर नारायणन ने 12 मार्च, 1998 को अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार गठन और गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित करके एक निष्पक्ष और संवैधानिक परंपरा कायम की थी.

कर्नाटक में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है. अब तक के नतीजों और रुझानों के मुताबिक भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस-बीएसपी गठबंधन को 38 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. बहुमत का जादुई आंकड़ा 112 सीटों का है.