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कर्नाटक: कांग्रेस-JDS विधायकों की इस बस में क्या है खास

अपने व्यापार के साथ-साथ शर्मा राजनीति में भी अपना हाथ आज़मा रहे थे. शर्मा ने 1998 में कांग्रेस टिकट पर साउथ बैंगलोर की लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था

FP Staff

कर्नाटक में इस वक्त जिस तरह का हाई वोल्टेज नाटक चल रहा है उसे देखते हुए राजनीतिक पार्टियां कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती. इस समय किसी भी विधायक के गायब होने से कर्नाटक की तस्वीर बदल सकती है.ऐसे में कांग्रेस-जेडीएस विधायकों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के  लिए सुरक्षित बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है. कांग्रेस ने इसके लिए अपने वफादार ट्रांसपोर्टर डीपी शर्मा बस सर्विसेज पर भरोसा जताया है. बताया जाता है कि डीपी शर्मा बस सर्विसेज की कहानी भी बरसों पुरानी है.

राजस्थान से निकले धनराज शर्मा 1980 से दक्षिण की राजनीति में एक्टिव थे तब उनका रियल स्टेट व्यापार शुरु ही हुआ था. अपने व्यापार के साथ-साथ शर्मा राजनीति में भी अपना हाथ आज़मा रहे थे. शर्मा ने 1998 में कांग्रेस टिकट पर साउथ बैंगलोर की लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था. लेकिन यूनियन अफेयर मिनिस्टर अनंत कुमार से करीब डेढ़ लाख वोटों से हार गए थे. शर्मा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के करीबी भी बताए जाते है. धनराज परासमल शर्मा का 2001 में निधन हो गया.


शर्मा ट्रांसपोर्ट्स, दक्षिण भारत के ज्यादातर शहरों में बस और कार्गो सर्विसेज चलाते हैं. कांग्रेस के विधायकों को बचाने वाली शर्मा ट्रांसपोर्ट कंपनी अब धनराज शर्मा के बेटे सुनील कुमार शर्मा चलाते हैं. ये बस सर्विसेज बेंगलुरु से मुंबई, पुणे, अहमादाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, गोवा के बीच चलती है.

हालांकि बीजेपी कर्नाटक विधानसभा चुनावों में 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन फिर भी सत्ता पर काबिज होने वाला जादुई 112 का आंकड़ा बीजेपी के पास नहीं है. दूसरी तरफ कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर 116 सीटों का आंकड़ा छू लिया है. अब इस सिय़ासी जंग में जरूरत है सावधानी की और विधायकों को टूटने से बचाने की.

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