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लंदन तक पहुंचा 'लिंगायत' मुद्दा, PM मोदी ने समाज सुधारक बसवेश्वर को दी श्रद्धांजलि

कर्नाटक चुनाव में लिंगायत और वीरशैव समुदाय का वोटरों के रूप में महत्व को देखते हुए पीएम मोदी के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है

FP Staff

प्रधानमंत्री मोदी फिलहाल लंदन दौरे पर हैं. इधर देश में कर्नाटक चुनाव की धूम है. अभी हाल में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देते हुए प्रदेश की राजनीति में सरगर्मी बढ़ा दी है.

कर्नाटक चुनाव में लिंगायत और वीरशैव समुदाय का वोटरों के रूप में खासा महत्व है क्योंकि यहां की कुल आबादी में उनकी संख्या 17 फीसदी है. इन्हें बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लिंगायत मुद्दे को अहमियत देते हुए बुधवार को टेम्स नदी के तट पर स्थित लिंगायत दार्शनिक और समाज सुधारक बसवेश्वर की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए और श्रद्धांजलि दी.


इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि बसवेश्वर के आदर्श दुनियाभर के लोगों को प्रेरित करते हैं. ट्विटर पर कार्यक्रम की तस्वीरें साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘यूके के दौरे में भगवान बसवेश्वर को श्रद्धांजलि देना सम्मान की बात है. भगवान बसवेश्वर के आदर्श दुनियाभर के लोगों को प्रेरित करते हैं.’ कार्यक्रम का आयोजन द बसवेश्वर फाउंडेशन ने किया था. यह ब्रिटेन का गैर सरकारी संगठन है, उसी ने बसवेश्वर की प्रतिमा की स्थापना की थी.

बसवेश्वर (1134-1168) भारतीय दार्शनिक, समाज सुधारक और राजनेता थे जिन्होंने जाति विहीन समाज बनाने की कोशिश की और जाति और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी. भारत बसवेश्वर को लोकतंत्र के अगुआ में से एक मानता है. भारतीय संसद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान उनकी प्रतिमा लगाई गई थी. बसवेश्वर और भारतीय समाज में उनके योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए भारत ने सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया था.

गौरतलब है कि कर्नाटक कैबिनेट ने केंद्र को सिफारिश भेज लिंगायत और वीरशैव लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने का अनुरोध किया था. इस कार्यक्रम को उसी के परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है. कर्नाटक में अगले महीने होने वाले चुनाव में लिंगायत और वीरशैव समुदाय का वोटरों के रूप में महत्व को देखते हुए पीएम मोदी के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है.