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कर्नाटक चुनाव 2018: वरुणा सीट से सिद्धारमैया के बेटे अाजमा रहे किस्मत

2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया विधायक हैं, लेकिन अब उनके बेटे किस्मत आजमा रहे हैं

FP Staff

पैलेस सिटी के नाम से मशहूर कर्नाटक का मैसूर शहर इन दिनों चुनावी सरगर्मियों को लेकर चर्चा में है. इसका कारण है यहां कि एक विधानसभा सीट जिसका नाम वरुणा है. मैसूर के बाहरी इलाके में स्थित वरुणा विधानसभा सीट कर्नाटक में काफी जानी पहचानी सीट है. इसके पीछे का मुख्य कारण रहे हैं राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जो फिलहाल यहां से विधायक हैं.

पूरे राज्य में चर्चित इस विधानसभा क्षेत्र का इतिहास बहुत पुराना नहीं है. यह सीट 2008 में परिसीमन के बाद से अस्तित्व में आई थी. उस समय से लेकर अब तक सिद्धारमैया यहां से जीतते आएं हैं. हालांकि इस बाार वो यहां से मैदान में नहीं उतर रहे हैं.


वरुणा से मैदान में उतरने से पहले सिद्धारमैया चामुंडेश्वरी सीट से 1983 से लेकर 2008 तक 7 बार विधानसभा पहुंचे थे. इस बार वरुणा से सिद्धारमैया ने अपने बेटे यतींद्र को मैदान में उतारा है. चर्चा थी कि बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा अपने बेटे विजयेंद्र को यहां से मैदान में उतारेंगे. हालांकि येदियुरप्पा ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है.

मैसूर जिले में पड़ने वाली वरुणा विधानसभा सीट कांग्रेस के मजबूत पकड़ वाले क्षेत्र में हैं. मैसूर इलाके से कांग्रेस बाकी पार्टियों के मुकाबले हमेशा ज्यादा सीट जीतती रही है. सिद्धारमैया यहां से खुद दो बार विधायक रह चुके हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पिता की सीट से यतींद्र विधानसभा पहुंच पाएंगे या नहीं.

बीजेपी ने इस सीट से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है. अब जब खुद ही येदियुरप्पा ने अपने बेटे को इस सीट से उम्मीदवार नहीं बनाने की घोषणा कर दी है तब सबकी निगाहें इस बात पर है कि बीजेपी किसे अपना उम्मीदवार घोषित करेगी. क्षेत्र की जनता तो वर्तमान मुख्यमंत्री और बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बेटे में लड़ाई की उम्मीद लिए बैठी थी.