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कर्नाटक चुनाव: पहली बार किसी और दल के साथ मंच साझा करेंगी मायावती!

मायावती ने कर्नाटक में पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा की पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है

FP Staff

बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती शनिवार को कर्नाटक में एक चुनावी सभा को संबोधित करने वाली हैं. यह पहली बार होगा जब बीएसपी प्रमुख किसी और पार्टी के नेता के साथ चुनावी मंच साझा करेंगी. पहली बार मायावती ने किसी गठबंधन में दूसरे स्थान पर रहना स्वीकार किया है. 1996 के बाद पहली ही बार ऐसा मौका है जब मायावती ने चुनाव से पहले कोई गठबंधन किया है. यह पिछले साल यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी को मिली करारी हार के बाद मायावती की पहली चुनावी रैली होगी.

मायावती ने कर्नाटक में पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा की पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है. कुछ साल पहले तक कोई यह सोच भी नहीं सकता था कि मायावती ऐसा कर सकती हैं. पिछले दिनों उनके राइट हैंड माने जाने वाले सांसद सतीश चंद्र मिश्रा और गौड़ा के करीबी दानिश अली बेग के बीच दिल्ली में चुनाव-पूर्व गठबंधन के कागजों पर हस्ताक्षर हुए.


सिर्फ 14 सीटों पर लड़ेगी बीएसपी

इस गठबंधन के मुताबिक 224 सीटों की विधानसभा में बीएसपी केवल 14 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अपने गृह राज्य यूपी में मायावती को एक के बाद एक मिल रही करारी हार को उनके इस कदम का कारण माना जा रहा है. कर्नाटक में जेडीएस और बीएसपी साथ में चुनाव लड़ेंगे.

कर्नाटक की राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस के बाद जेडीएस-बीएसपी तीसरे सबसे बड़े प्लेयर होंगे. हालांकि देवेगौड़ा और मायावती दोनों ही बड़े राष्ट्रीय नेता हैं लेकिन इस चुनाव में उनकी टीम के सबसे बड़े आकर्षण देवेगौड़ा के बेटे और जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी हैं. पूर्व सीएम ने अपने चुनावी अभियान को विकास पर्व नाम दिया है.

न्यूज 18 से बातचीत में कुमारस्वामी ने कहा कि मायावती के समर्थन से जेडीएस राज्य में अपनी सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा, 'हम कांग्रेस या बीजेपी के साथ सत्ता शेयर नहीं करेंगे. हमारी अपनी अलग सरकार बनेगी. त्रिशंकु विधानसभा हुई तो हम दोबारा चुनाव की मांग करेंगे.'

देवगौड़ा ने कहा कि उन्होंने मायावती से हाथ मिलाया है ताकि राज्य में दलित वोट न बंटे. सतीश चंद्र मिश्रा का भी यही कहना है.

बीएसपी ने 2004 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था. यहां पार्टी को 1.74 प्रतिशत वोट मिले थे. इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में बसपा ने 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. पार्टी को 1.22 प्रतिशत वोट मिले थे.

2008 विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने 217 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इसका वोट शेयर बढ़कर 2.7 प्रतिशत हो गया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में वोट शेयर घटकर 1.66 प्रतिशत हो गया. हालांकि बसपा एक भी विधानसभा सीट नहीं जीत पाई थी. साल 2013 में पार्टी ने 175 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे जिनमें से 174 की जमानत जब्त हो गई थी. तब बीएसपी को सिर्फ 0.95 प्रतिशत वोट मिले थे.

1994 में बीएसपी ने खोला था खाता

साल 1994 में कर्नाटक में अपने पहले चुनाव में बीएसपी के सैय्यद जुल्फिकार हाशमी ने उत्तर कर्नाटक के बीदर सीट से जीत दर्ज की थी. उन्होंने बाद में पार्टी छोड़ दी थी. राज्य में जेडीएस का बेस वोट 15 प्रतिशत है. पार्टी को उम्मीद है कि बीएसपी के समर्थन से उसे राज्य में कुछ सीटें और मिल सकती हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि बीएसपी के स्थानीय नेता इस गठबंधन से खुश नहीं हैं, इस संबंध में मायावती ने उनकी राय भी नहीं ली थी.

(न्यूज18 के लिए डीपी सतीश की रिपोर्ट)