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कर्नाटक चुनाव 2018ः क्या राहुल गांधी का बदला हुआ अंदाज दिला पाएगा जीत?

करीब 6 महीने पहले राहुल गांधी को लेकर मजाक करने और यह कहने वाले नेता कि वे विधानसभा चुनाव में राहुल से बेहतर कैंपेनिंग कर सकते हैं, आज खुले तौर पर राहुल की तारीफ कर रहे हैं

FP Staff

कर्नाटक चुनाव को लेकर प्रचार अभियान में जुटे कांग्रेस के कुछ नेता करीब 6 महीने पहले राहुल गांधी को लेकर मजाक किया करते थे. उनका कहना था कि वे विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी से बेहतर कैंपेनिंग कर सकते हैं. आज वे ही नेता खुले तौर पर राहुल गांधी की तारीफ करते नहीं थकते. चुनाव को लेकर उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष की कैंपेनिंग और रणनीति पार्टी के लिए फायदेमंद दिख रही है. अब स्थानीय कांग्रेस नेताओं का मानना है कि पार्टी को राहुल गांधी की सबसे ज्यादा जरूरत है. क्योंकि, राहुल पार्टी कैडर में जोश और उम्मीद जगा रहे हैं.

कांग्रेस के कई नेताओं के मुताबिक, राहुल गांधी बदले-बदले से नजर आ रहे हैं. ऐसा खासकर गुजरात चुनाव के बाद हुआ है. पिछले साल हुए गुजरात चुनाव में भले ही बीजेपी को जीत मिली हो, लेकिन उसे कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिली थी. चुनावी रण में कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे थे. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इस चुनाव के बाद से राहुल गांधी और ज्यादा उत्साह से भर गए. वे कांग्रेस के लिए अब पहले से ज्यादा मेहनत कर रहे हैं. राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव के लिए जनवरी के आखिरी हफ्ते में बेल्लारी जिले से कांग्रेस के कैंपेनिंग की शुरुआत की थी. तब से उन्हें हर रैली और रोड शो में बेहतर रिस्पॉन्स मिल रहा है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के मुकाबले, राहुल स्पेशल बस से यात्रा करते हैं और आसानी से स्थानीय लोगों से घुल-मिल जाते हैं. पहले चुनावी कैंपेनिंग के लिए उन्होंने बेल्लारी से गुलबर्गा तक बस की सवारी की थी. इस दौरान राहुल ने 400 किलोमीटर तक का सफर तय किया और कई जगहों पर रैली की. कर्नाटक चुनाव को लेकर राहुल का पहला कदम कामयाब रहा. पार्टी आगे इसी फॉर्मूले पर काम कर रही है

फरवरी में राहुल गांधी ने कर्नाटक के लिंगायत मंदिरों और इलाकों का दौरा किया. इसबार भी उन्होंने अपने दौरे के लिए हेलिकॉप्टर नहीं, बल्कि बस को ही चुना. ये दौरा भी सफल रहा. तीसरे, चौथे और पांचवें दौरे पर भी राहुल गांधी को बेहतर रिस्पॉन्स मिला.

राहुल ने कवर कर लिया 2000 किलोमीटर तक का इलाका

कर्नाटक कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव के मुताबिक, राहुल गांधी ने कर्नाटक का 2000 किलोमीटर का इलाका कवर कर लिया है. वो जोश से भरे हुए हैं. उनके पास कभी खत्म न होने वाली एनर्जी है. वो पार्टी कैडर को भी प्रेरित करते हैं और कांग्रेस नेताओं को भी प्रोत्साहित करते हैं. राहुल सामने से नेतृत्व कर रहे हैं. पिछले दो महीने में जहां-जहां उन्होंने प्रचार किया है, वहां से पार्टी को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है.

क्या बनेगा राष्ट्रीय रिकॉर्ड?

कर्नाटक में कांग्रेस नेताओं का दावा है कि राहुल गांधी पहले ही राज्य के 25 जिलों की यात्रा कर चुके हैं. हाल ही के दिनों में कांग्रेस का कोई भी अध्यक्ष इतने जिलों में नहीं गया है. शनिवार और रविवार को वो तीन और जिलों का दौरा करेंगे. आने वाले दिनों में उनका उत्तर कन्नड़ और कोडागु का दौरा भी प्रस्तावित है. अगर ऐसा हुआ, तो राहुल गांधी कर्नाटक के सभी 30 जिलों को कवर कर लेंगे. यह एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष का रिकॉर्ड होगा.

टेंपल रन भी हिट

इसके साथ ही राहुल गांधी का टेंपल रन (मंदिर दर्शन) भी हिट साबित हो रहा है. कर्नाटक दौरे पर राहुल अब तक एक दर्जन से ज्यादा मंदिरों और मठों के दर्शन कर चुके हैं. 12 मई को चुनाव से पहले राहुल गांधी के कुछ और मंदिरों के दर्शन करने की संभावना है.

राहुल ने विरोधियों को गलत साबित किया

कांग्रेस के एक सीनियर नेता का कहना है, बीजेपी ऐसी अफवाह फैला रही है कि राहुल गांधी आलसी से हैं. वो कड़ी मेहनत नहीं कर सकते. राहुल हिंदू भी नहीं हैं. लेकिन, उन्होंने अपने विरोधियों को गलत साबित किया है. बीजेपी और आरएसस का झूठ सबके सामने आ चुका है. राज्य में राहुल गांधी को जिस तरह से लोगों का प्यार मिल रहा है, उससे बीजेपी परेशान हो गई है.

कन्नड़ में ट्रांसलेट हो रहे कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण

पहले की तुलना में राहुल अब ज्यादा टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हो गए हैं. वो लोगों से जुड़ने के लिए हाई-एंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बखूबी कर रहे हैं. हाल में हुई राहुल गांधी की सभी रैलियां फेसबुक और ट्विटर पर लाइव की गई थीं. हिंदी में दिए गए उनके भाषणों को कन्नड़ में ट्रांसलेट किया गया.

कन्नड एक्टिविस्ट और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल अरुण जवागल कहते हैं कि हमने वाकई बीजेपी और कांग्रेस को ट्रांसलेटर के लिए मजबूर किया है. इसके पहले वे हिंदी में बोलते थे और कर्नाटक के ज्यादातर लोग उनकी बात समझ नहीं पाते थे. ऐसे में ये पार्टियां हमें हल्के में लेती थी. कांग्रेस के अपनी गलती का एहसास हुआ है. अब राहुल गांधी के सभी भाषणों को कन्नड़ में ट्रांसलेट किया जा रहा है. यहां तक कि कई जगहों पर अमित शाह के भाषण भी कन्नड़ में ट्रांसलेट हुए हैं. लेकिन, पीएम मोदी के भाषणों के साथ फिलहाल ऐसा नहीं हुआ.

जिला अध्यक्षों को समझाते हैं पार्टी की रणनीति

कांग्रेस के एक जिला अध्यक्ष के मुताबिक, राहुल गांधी ब्लॉक कांग्रेस और हर जिले के अध्यक्षों से भी मुलाकात कर रहे हैं. उन्हें पार्टी की रणनीति के बारे में समझा रहे हैं. वो पार्टी कैडर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. ऐसा इसके पहले कभी नहीं हुआ. हम इससे खुश हैं. वो हमारी बात भी सुनते हैं और खुद फैसले लेते हैं.

बेंगलुरु में करेंगे बड़ी रैली

शनिवार और रविवार को राहुल गांधी कोल्लार और चिक्काबलल्पुर जिलों के दौरे पर रहेंगे. रविवार को राहुल बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित करेंगे. सीएम सिद्धारमैया की 'जन आशीर्वाद यात्रा' के समापन पर ये रैली हो रही है.

बहरहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राहुल गांधी को मिल रहा समर्थन वोट में बदलेगा या फिर इतिहास में कुछ और दर्ज होना है.

(न्यूज़-18 के लिए डीपी सतीश की रिपोर्ट)