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आरोप-प्रत्यारोप और कड़वाहट भरे कर्नाटक विधानसभा चुनाव का प्रचार हुआ खत्म

कर्नाटक विधानसभाव चुनाव के लिए दोनों पार्टियों ने प्रचार-प्रसार करते हुए एक दूसरे पर जम कर निशाना साधा, 12 मई को राज्य की 224 सीटों के लिए मतदान होगा

Bhasha

आरोप-प्रत्यारोप, एक दूसरे पर आक्षेप और कड़वाहट से भरा कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान गुरुवार को खत्म हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत बीजेपी एवं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने मतदाताओं को लुभाने के प्रयास में आखिरी दिन पूरी जान लगा दी.

चुनावी फायदा बटोरने के लिए भ्रष्टाचार से लेकर संप्रदायवाद, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की 70 लाख रुपए की हबलॉट की घड़ी से लेकर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा तक उठा.


देश की सत्ता में आने के बाद से सभी राज्य में हुए चुनाव की तरह मोदी इस बार भी कर्नाटक में बीजेपी के चुनाव प्रचार अभियान की बागडोर अपने हाथ में थामे रहे जबकि बीजेपी बीएस येदियुरप्पा को अपने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर चुकी है. उसी तरह राहुल गांधी ने कांग्रेस चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला.

हालांकि फरवरी में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद से लंबे समय तक मोदी पूरे चुनावी परिदृश्य से बाहर रहे लेकिन बेहद अहम दक्षिण राज्य में जीत के इरादे से एक मई को उन्होंने इसकी धमाकेदार शुरुआत की.

चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने हर दिन कम से कम तीन रैलियों को संबोधित किया या ‘नमो ऐप’ के माध्यम से बीजेपी के विभिन्न अग्रिम संगठनों के कार्यकर्ताओं से बात की.