view all

कर्नाटक में 70% मतदान, EVM में कैद हुई उम्मीदवारों की किस्मत

मतदान 224 सीटों में से 222 के लिए हुआ, शनिवार को हुए मतदान के परिणाम 15 मई को आएंगे

FP Staff

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार को समाप्त हो गया और शाम छह बजे तक 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. निवार्चन अधिकारियों ने कहा कि शनिवार शाम छह बजे तक 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार सबसे अधिक मतदान चिकबल्लापुरा और रामनगर में 76 प्रतिशत, जबकि बेंगलुरू सिटी में सबसे कम 48 प्रतिशत दर्ज किया गया. मतदान 224 सीटों में से 222 के लिए हुआ. शनिवार को हुए मतदान के परिणाम 15 मई को आएंगे.

राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताय कि 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान 71.4 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहीं इस बार 70 प्रतिशत वोटिंग हुई.

कर्नाटक के हब्बल विधासभा क्षेत्र के 2 नंबर पोलिंग स्टेशन पर 14 मई को पुनर्मतदान होगा. राज्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि इस पोलिंग स्टेशन पर ईवीएम ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है.

एग्जिट पोल नतीजों में बीजेपी को बढ़त, किसी को पूर्ण बहुमत नहीं

वहीं, मतदान के बाद एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ रहे हैं. ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है. हालांकि, किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलता हुआ नहीं दिख रहा है. ऐसे में आशंका है कि कहीं राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति न उत्पन्न हो जाए.

सिर्फ इंडिया न्यूज-टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलते हुए दिख रहा है. इंडिय न्यूज-टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल के मुताबिक, बीजेपी को 120 सीट, कांग्रेस को 73, जेडीएस को 26 और अन्य को 3 सीटें मिल रही हैं.

Times Now-VMR Survey के मुताबिक, कांग्रेस को 90-103 सीटें मिलेंगी. वहीं बीजेपी को 80-93, जीडीएस+ 31-39 और अन्य 2-4 सीटें मिलने की उम्मीद जताई है.

रिपब्लिक टीवी और जन की बात के एग्जिट पोल में कांग्रेस को 73-82 सीटें, बीजेपी को 95-114 सीटें, वहीं जेडीएस को 32-43 सीटें मिलने की बात कही गई हैं, वहीं अन्य के खाते में 2 से 3 सीटें जाने का अनुमान है.

सिद्धरमैया को जीत की उम्मीद

वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया ने बीजेपी और प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि अमित शाह एक कॉमेडी शो की तरह हैं और नरेंद्र मोदी की छवि में काफी गिरावट आई है. उनके भाषण पूरी तरह से खोखले हैं और कर्नाटक के मतदाताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इसलिए हम चिंतित नहीं हैं.

(इनपुट भाषा से)