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कुमार विश्वास को किसने दी 'नई दुकान' पर न जाने की सलाह?

कपिल के शो के गेस्ट राहत इंदौरी ने अपनी शायरी से सिद्धू और कुमार विश्वास की सियासी ईमानदारी पर वार किया

Manish Kumar

मई का महीना आम आदमी पार्टी के लिए बहुत गरमागरम रहा था. उस वक्त कुमार विश्वास के एक वीडियो ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. कुमार उस वीडियो में अपनी ही पार्टी के नेताओं को यह सलाह दे रहे थे कि उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल नहीं उठाना चाहिए.

फिर क्या होना था! पार्टी में घमासान शुरू हो गया. रूठने-मनाने का दौर भी चला. लग रहा था कि कुमार विश्वास का अपनी पार्टी से मन भर गया है और वे बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. रातों रात अरविंद केजरीवाल कुमार अपनी पत्नी समेत कुमार के घर पहुंचे और उन्हें मना लिया. बदले में उन्हें राजस्थान में पार्टी का प्रभारी बनाया गया था.


इस बीच कुमार विश्वास के भरोसेमंद कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल लिया. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पैसे खाने का आरोप लगाया. उस वक्त यह लगभग तय लग रहा था कि कपिल मिश्रा के साथ कुमार विश्वास भी बीजेपी के खेमे में जा सकते हैं.

हालांकि अब इस मुद्दे की गरमाहट ठंडी हो गई है. लेकिन कपिल शर्मा के शो पर राहत इंदौरी ने कुमार विश्वास के लिए जो शेर पढ़ा, उससे यह लगता है कि कहानी अभी खत्म नहीं हुई है.

क्या हुआ कपिल शर्मा के शो पर 

कपिल शर्मा के शो पर मशहूर शायर राहत इंदौरी, कवि कुमार विश्वास और शायरा सबीना अदीब गेस्ट बने थे. इसी कार्यक्रम में राहत इंदौरी ने कुमार विश्वास के लिए एक शेर सुनाया जो कुछ इस तरह था.

नई दुकानों के चक्कर से निकल जा.. नई दुकानों के चक्कर से निकल जा वर्ना घर का सामान भी बाजार में आ जाएगा

इंदौरी के इस शेर को अगर हम कुमार विश्वास के बीजेपी में जाने की अफवाह से जोड़कर देखें तो इसका कुछ नया मतलब समझ आएगा. उनके इस शेर से साफ है कि इंदौरी साहब अपने शागिर्द को इशारों में समझा रहे हैं कि अभी 'नई दुकानों' से दूर रहने में ही भलाई है.

कपिल शर्मा का यह शो 1 जुलाई को प्रसारित हुआ था. कुमार, इंदौरी और अदीब ने कॉमेडी में शायरी का ऐसा तड़का लगाया कि पूरा माहौल ठहाकों से गूंज उठा.

सिद्धू भी नहीं बच पाए! 

राहत इंदौरी ने शेरो-शायरी के जरिए पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री और शो के जज नवजोत सिंह सिद्धू को यह शेर सुनाकर लपेटा कि...

बनके एक हादसा... हादसा बन के... बाजार में आ जाएगा

जो नहीं होगा... वह अखबार में आ जाएगा

चोर, उचक्कों की करो कद्र... कि मालूम नहीं,

कौन कब कौन सी सरकार में आ जाएगा

सियासत की चाशनी में लिपटे राहत इंदौरी के इस शेर को सुनकर वहां मौजूद होस्ट और दूसरे गेस्ट खिलखिलाकर हंस पड़े. खासकर सिद्धू उनकी शायरी के कायल हो गए. वो अपनी सीट से उठकर मंच पर आने को मजबूर हो गए. मंच पर आकर उन्होंने राहत इंदौरी के पांव छूकर आशीर्वाद लिए और उन्हें अपने गले से लगा लिया.

हालांकि राहत इंदौरी ने शेर सुनाने से पहले साफ कर दिया था कि शेर सिद्धू के लिए नहीं है. बावजूद इसे सिद्धू की 'सियासी ईमानदारी' से जोड़कर देखा जा सकता है. आपको बता दें कि नवजोत सिद्धू पिछले साल तक बीजेपी में थे लेकिन बाद में उन्होंने पाला बदलकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. सिद्धू पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में इस समय नंबर दो की हैसियत में हैं.