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कमला मिल्स: मिल की जमीन के पुनर्विकास में खामियों की होगी जांच

पिछले साल 29 दिसंबर को कमला मिल्स परिसर में स्थित दो रूफ-टॉप पब में भयावह आग लग गई थी, इसमें 14 लोगों की जान चली गई थी

Bhasha

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के कमला मिल्स परिसर में आग की घटना के लिए पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और मिल की जमीन के पुनर्विकास में कथित प्रक्रिया संबंधी खामियों के मामले में जांच की घोषणा की.

पिछले साल 29 दिसंबर को यहां कमला मिल्स परिसर में स्थित दो रूफ-टॉप पब में भयावह आग लग गई थी. इसमें 14 लोगों की जान चली गई थी.


राज्य विधानसभा में बीजेपी के अतुल भटकलकर के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के नोटिस पर जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि 1999 की मिल भूमि पुनर्विकास नीति के अनुसार तत्कालीन सरकार ने महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएचएडीए), बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और मिल मालिकों को कारखाने की एक-तिहाई, एक-तिहाई भूमि आवंटित करने का फैसला किया था.

उन्होंने दावा किया कि लेकिन 2001 में फैसला बदल दिया गया और खाली पड़ी जमीन का एक तिहाई हिस्सा आवंटित करने की बात कही गई.

फडणवीस ने कहा, ‘ऐसा करके पूर्ववर्ती कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने मिल की पूरी जमीन मिल मालिकों और डवलपर्स को दे दी और मिल कर्मियों को उनके आवास के अधिकार नहीं मिलने दिए.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘कमला मिल्स अग्निकांड पिछली सरकार के पाप का नतीजा है. 50 हजार वर्ग मीटर जमीन के बजाय 51 हजार वर्ग मीटर में विकास किया गया.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इस बात की जांच कराएंगे कि क्या कमला मिल्स और अन्य जगहों पर जहां मिल भूमि पुनर्विकास हुआ, वहां सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित संस्थानों के लिए एफएसआई का दुरूपयोग तो नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि अगर उल्लंघन हुआ होगा तो हर्जाना वसूला जाएगा.

मुख्यमंत्री के जवाब के समय विपक्षी सदस्य आसन के पास आ गए और ऋण छूट योजना के लागू नहीं होने के मुद्दे पर उनके कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को खारिज करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. नारेबाजी के बीच स्पीकर हरिभाऊ बागडे ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी.