तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की सिफारिश के राज्य के राज्यपाल ने विधानसभा को भंग करने की मंजूरी दे दी है. राज्यपाल ने केसीआर से कहा कि जबतक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता तबतक आप कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहें. अब राज्य में तय समय से पूर्व विधानसभा चुनाव होंगे. इसके लिए केसीआर ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, केसीआर ने राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करने से पहले अपने कैबिनेट के साथ बैठक की थी. कैबिनेट से मिली मंजूरी के बाद वो राज्यपाल के पास पहुंचे और उन्होंने केसीआर की सिफारिश को स्वीकार कर ली.
क्यों 6 तारीख को ही लिया गया यह फैसला
तेलंगाना की विधानसभा भंग हो गई है और अब राज्य में तय समय से पहले चुनाव के लिए रास्ते भी खुल गए हैं. लेकिन आप सोच रहे होंगे कि आखिर केसीआर ने आज यानी 6 सितंबर की तारीख ही क्यों चुनी? इसका जवाब है कि केसीआर 6 को अपना लकी नंबर मानते हैं.
केसीआर ने 6 सितंबर (गुरुवार) को सुबह 6.45 पर कैबिनेट की बैठक बुलाई. 6 सितंबर को सुबह 9 बजकर 31 मिनट तक अजा एकादशी थी. ऐसा माना जाता है कि अजा एकादशी में पूजापाठ करने से अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है और इस दिन किए गए कार्य में सफलता मिलती है.
ऐसा माना जा रहा है कि केसीआर ने विधानसभा भंग करने का फैसला इसलिए क्योंकि उन्हें लग रहा था कि तय समय पर चुनाव होने से इसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है. आंध्र प्रदेश में मोदी विरोधी भावनाओं से तेलंगाना में कांग्रेस को फायदा मिलने की उम्मीद थी.