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राजदेव हत्याकांड: कोर्ट ने आरोपियों के साथ तेज प्रताप की तस्वीरों पर CBI से मांगी रिपोर्ट

पत्रकार रंजन की 13 मई को सीवान में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी, आरोप है कि यह वारदात जेल में बंद आरजेडी नेता शहाबुद्दीन के इशारे पर हुई थी

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में फरार आरोपी के साथ आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के पुत्र और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की समाचार पत्रों में प्रकाशित तस्वीरें और वीडियो से संबंधित मामले की जांच के संबंध में सीबीआई से उसका जवाब मांगा.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ को इस बीच सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि जांच एजेंसी ने 22 अगस्त को पत्रकार हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया है.


शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त सालिसीटर जनरल से जानना चाहा कि क्या जांच एजेंसी ने फरार आरोपी मोहम्म्द कैफ और मोहम्मद जावेद के साथ पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को दर्शाने वाली मीडिया तस्वीरों और वीडियो से संबंधित मुद्दे की भी जांच की है. ये दोनों आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं.

शहाबुद्दीन का नाम भी है आरोपियों में

इसके बाद, कोर्ट ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि उस समय इस हत्याकांड में फरार आरोपियों को पनाह देने और जेल में बंद आरजेडी के ताकतवर नेता और इस हत्याकांड के सह-आरोपी मोहम्मद शहाबुद्दीन के साथ तेज प्रताप की तस्वीरों के मामले में की गई जांच के बारे में चार सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट पेश की जाए.

रंजन की 13 मई को सीवान में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. आरोप है कि यह वारदात जेल में बंद आरजेडी नेता शहाबुद्दीन के इशारे पर हुई थी.

इस मामले में, रंजन की पत्नी आशा रंजन ने शीर्ष अदालत से मामले की सीबीआई जांच कराने और इस मामले को दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने के अनुरोध के साथ याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने इस याचिका पर सीबीआई को जांच करने और आशा रंजन को समुचित पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था.