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प्रियंका गांधी को पीएम पद के कैंडिडेट के तौर पर देखना अभी जल्दबाजी: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी प्रियंका को कुछ साल दिए जाने चाहिए उसके बाद देश की जनता को फैसला करना चाहिए कि वो जिम्मेदारी लेने के लिए सक्षम हैं या नहीं

FP Staff

चुनाव रणनीतिकार से जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने प्रशांत किशोर ने प्रियंका गांधी की राजनीतिक एंट्री पर उनकी अलग-अलग भूमिकाओं को लेकर बन रहे हाइप को 'प्रीमैच्योर' करार दिया है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि ये कहना कि प्रियंका गांधी को नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रधानमंत्री पद के कैंडीडेट के तौर पर देखा जा सकता है, अभी जल्दबाजी होगी.

प्रशांत किशोर ने उन अनुमानों पर, जिनमें कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने इसलिए लोकसभा चुनावों के कुछ वक्त पहले उतारा है ताकि उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी के मुकाबले पीएम पद के कैंडीडेट के लिए प्रोजेक्ट किया जा सके, कहा कि अभी उन्हें लेकर ऐसे अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी.


न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी प्रियंका को कुछ साल दिए जाने चाहिए उसके बाद देश की जनता को फैसला करना चाहिए कि वो जिम्मेदारी लेने के लिए सक्षम हैं या नहीं.

प्रशांत किशोर ने कहा कि 'अगर हम सोचते हैं कि कोई एक शख्स, चाहे वो प्रियंका हों या कोई और, इतने कम वक्त में देश की सबसे बड़ी पार्टी में बड़ा बदलाव ले आएगा तो ये न्यायसंगत नहीं होगा. प्रियंका गांधी वाड्रा को अभी दो-तीन साल दिए जाने चाहिए, उसके बाद इस देश की जनता तय करेगी कि वो ऐसी जिम्मेदारी लेने के लिए सक्षम हैं या नहीं.'

राहुल-प्रियंका की जोड़ी को मोदी-शाह की जोड़ी से तुलना किए जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बहुत लंबे वक्त से राजनीति में हैं और उनकी पार्टी अभी देश पर राज कर रही है, ऐसे में उनसे राजनीति में अभी आए हुए शख्स की तुलना करना उचित नहीं होगा.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए काम कर चुके प्रशांत किशोर ने प्रियंका गांधी की पॉलिटिकल एंट्री की खबर आने के बाद बुधवार को इसे अब तक का सबसे ज्यादा बहुप्रतीक्षित पॉलिटिकल डेब्यू बताया था.