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लालू,नीतीश और शरद यादव की मुश्किलें बढ़ा सकती है जया जेटली की किताब

जया जेटली ने अपनी आत्मकथा में इन नेताओं पर जॉर्ज का इस्तेमाल अपनी सियासी फायदे के लिए करने का आरोप लगाया है

Sumit Kumar Dubey

रिलीज होने से पहले ही सुर्खियों में आई, समता पार्टी की अध्यक्ष रहीं जया जेटली की किताब कभी उनने सहयोगी रहे नीतीश कुमार और शरद यादव की मुश्किलें बढ़ा सकती है. एक नवंबर को रिलीज हो रही उनकी  आत्मकथा  'लाइफ अमंग द स्कॉर्पिअंस, मेमोयर्स ऑफ अ वुमन इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में कुछ ऐसी बातों का खुलासा होने की उम्मीद है जिनसे नतीश,शरद यादव और लालू यादव जैसे दिग्गज नेता मुश्किल में पड़ सकते हैं.

फर्सपोस्ट हिंदी को मिली जानकारी के मुताबिक अपनी आत्मकथा में जया जेटली ने उस वक्त के राजनीतिक हालात और उनके मेंटोर रहे पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज से साथ इन नेताओं के रिश्तों के बारे में खुलकर बात की है.


जानकारी के मुताबिक उन्होंने इस किताब में लालू, नीतीश और शरद यादव पर जॉर्ज फर्नांडीज के सियासी इस्तेमाल का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि इन नेताओं ने अपना सियासी कद बढ़ाने के लिए जॉर्ज फर्नांडीज को जमकर इस्तेमाल किया और अपना मतलब निकलने के बाद जॉर्ज को नुकसान पहुंचाया.

जॉर्ज का मजाक उड़ाते थे लालू

जया ने अपनी किताब इस बात का जिक्र किया है कि 70 के दशक में जेपी के आंदोलन के दौरान जॉर्ज के सहयोग से अपनी राजनीति को चमकाने वाले लालू यादव ने बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद जॉर्ज से किनारा करना शुरू कर दिया था. साथ ही जया ने यह भी दावा किया है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद लालू ने जॉर्ज का सार्वजनिक रूप से मजाक उड़ाना शुरू कर दिया था.

इसके बाद जया ने जिक्र किया है कि लालू के कार्यकाल के के दौरान बिहार में फैले भ्रष्टाचार और सूबे के खराब हालात से परेशान होकर जॉर्ज ने नीतीश कुमार को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया था. जॉर्ज से सहयोग से ही नीतीश ने लालू से बगावत करके समता पार्टी का गठन किया था. जया ने लिखा है कि नीतीश कुमार में जॉर्ज को प्रधानमंत्री बनने की काबिलीयत दिखती थी और वह खुले मन से उनकी तारीफ करते थे.

नीतीश कुमार-शरद यादव ने मिलकर जॉर्ज को हाशिए पर धकेला

उनके मुताबिक लालू की खिलाफत करने वाले बिहार के एक और नेता शरद यादव के जनता दल और समता पार्टी के विलय के बाद जनता दल यूनाइटेड के गठन के बाद जॉर्ज के प्रति नीतीश का रवैया बदलने लगा था. उनका दावा है कि शरद यादव को आगे करके नीतीश ने ही जॉर्ज को फर्जी वोटों के आधार पर पार्टी के अध्यक्ष पद से बेदखल करवाया था.  बिहार की मुजफ्फर पुर सीट से जॉर्ज का टिकट काटकर नीतीश कुमार ने उन्हें राजनीतिक हाशिए पर धकेलने की कोशिश की. जया ने लिखा है कि जॉर्ज ने एक बार उनसे कहा था कि वह नीतीश कुमार को कभी समझ नहीं सके. जया ने शरद यादव को भी घसीटते हुए कहा है कि वह निजी स्वार्थों की जातीय राजनीति करते हैं.

जया ने इस बात का भी दुख जाहिर किया है कि किस तरह पार्टी पोस्टरों से जॉर्ज गायब होते चले गए और जिन नेताओं को उन्होंने आगे बढ़ाया है वही आज बीमार जॉर्ज की तबियत का हाल तक जानने की जहमत नहीं उठाते हैं. जया को इस बात की खुशी है कि वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी अब भी जॉर्ज की सेहत की फिक्र करते हैं.

जया ने अपनी आत्मकथा में इस बात का भी जिक्र किया है कि किस तरह तहलका स्टिंग मामले में उन्हें और जॉर्ज को फंसाया गया. यही नहीं जया ने इस किताब में उनके और जॉर्ज की पत्नी लैला कबीर से रिश्तों में आई तल्खी को बेवजह तूल देने का भी आरोप लगाया है.

इसके अलावा एक अखबार से बात करते हुए जया ने दावा किया था कि किस तरह हथियारों के बिजनेस के मिडिलमेन क्रिश्चियन मिशेल ने उनसे पेशकश की थी कि वह जॉर्ज के रक्षामंत्री होने की पोजिशन का फायदा उठाकर पैसों का ढेर जमा कर सकती हैं.

जया जेटली की एक बड़ी पहचान लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता और हैंडिक्राफ्ट्स के लिए अभियान चलाने वाली शख्स की भी है. वे अब अपने राजनीतिक जीवन को अलविदा कह चुकी हैं. वह जनवरी, 2000 में समता पार्टी की अध्यक्ष बनीं और तहलका स्टिंग ऑपरेशन के बाद मार्च, 2001 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. यही वह वक्त था जब अटल बिहारी वाजपेयी की तत्कालीन एनडीए सरकार में जॉर्ज फर्नांडीज रक्षा मंत्री थे.