जम्मू कश्मीर में पीडीपी के असंतुष्ट नेताओं के साथ मिल कर बीजेपी के सरकार बनाने के प्रयास की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रवीन्द्र रैना ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में शांति, सुशासन और विकास के लिये राज्यपाल शासन जारी रखने के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में किसी दल से गठबंधन नहीं करेगी.
जम्मू कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रवीन्द्र रैना ने कहा, 'जम्मू कश्मीर में बीजेपी अलगाववाद, आतंकवाद और पत्थरबाजी पर पूरी तरह से लगाम लगाकर शांति और अमन कायम करना चाहती है जिससे वहां के लोग इज्जत और ऐहतराम के साथ जिंदगी गुजर बसर कर सकें.'
पीडीपी के साथ इतने समय तक गठबंधन सरकार चलाने के बाद अचानक अलग होने के फैसले के कारण पूछने पर रैना ने कहा कि राज्य में तीन साल तक गठबंधन सरकार रही. हम चाहते थे कि सेना आतंकवाद, अलगाववाद पर प्रहार करे और राजनीतिक दल प्रदेश के विकास का काम करें लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था, राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ रहा था.
राज्य में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के असंतुष्ट नेताओं के साथ बीजेपी के सरकार बनाने के प्रयासों से जुड़ी खबरों के बारे में पूछे जाने पर रैना ने कहा, ऐसा कुछ नहीं हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक खबर ट्वीट की थी जिसमें दावा किया गया था, 'पीडीपी विधायकों का एक बड़ा धड़ा बीजेपी आलाकमान के संपर्क में है' और भगवा दल राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में है.
महबूबा मुफ्ती पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के विकास के लिए अरबों रूपए मंजूर किए लेकिन इसका बड़ा हिस्सा खर्च नहीं किया गया. अब राज्यपाल शासन में यह सुनिश्चित होगा कि धन का विकास कार्यों में पूरा उपयोग किया जाए.
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के किसी दल के साथ गठबंधन करने की संभावना के बारे में पूछने पर रैना ने कहा कि पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर चुनाव लड़ेगी.