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J&K विधानसभा भंग Live Updates: फैक्स मिल भी जाता, तब भी मैं यही फैसला लेता- राज्यपाल सत्यपाल मलिक

बुधवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार की रात साढे़ नौ बजे विधानसभा भंग कर दी, जिसके बाद अब चुनाल ही अंतिम विकल्प है

FP Staff
16:20 (IST)

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी और उनके ऑफिस के इशारे पर काम किया है. राज्यपाल सत्यपाल मलिकने बिल्कुल गैरसंवैधानिक और अनैतिक काम किया है. ये बीजेपी और उसके नेताओं की मानसिकता दिखाता है. वे लोग सरकार बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और किसी दूसरी पार्टी की सरकार बनती दिखे तो किसी भी तरीके से लोकतंत्र का गला घोंट सकते हैं.

16:16 (IST)

मेहबूबा मुफ्ती ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए लिखा है कि हमारे विधायकों को तोड़ने की आपकी कोशिश नाकाम रही तो आपको वो एंटी नेशनल दिखने लगे.

16:14 (IST)

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती ने भी बीजेपी महासचिव राम माधव के बयानों की निंदा की है. ट्वीट कर उन्होंने कहा कि इस तरह के आधारहीन आरोपों पर हैरानी होती है.

13:32 (IST)

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हमें राज्यपाल से कोई शिकायत नहीं है. वो एक अच्छे इंसान हैं. हमें शिकायत केंद्र सरकार से है. अगर केंद्र को विधानसभा भंग ही करनी थी तो 4-5 महीने पहले उस वक्त कर देनी चाहिए थी, जब राज्य में बीजेपी-पीडीपी की सरकार गिरी थी.

13:12 (IST)

जम्मू कश्मीर के नए राजनीतिक हालात पर बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक चल रही है. इसमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविन्दर रैना और पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह भी हिस्सा ले रहे हैं.

12:47 (IST)

हालांकि राम माधव के हल्के-फुल्के जवाब पर भी उमर अब्दुल्ला नहीं पिघले हैं. ट्वीट कर उन्होंने जवाब दिया है कि हंसी-मजाक से काम नहीं चलेगा. आपने कहा है कि मेरी पार्टी पाकिस्तान के इशारों पर काम करती है. मैं इसे साबित करने की चुनौती देता हूं. एनसी ने लोकल बॉडी के चुनावों का बहिष्कार पाकिस्तान के इशारे पर किया, आप अपने इस बयान के सबूत पेश करें. ये आपको और आपकी पार्टी को खुला चैलेंज है.

12:43 (IST)

बीजेपी महासचिव राम माधव ने उमर अब्दुल्ला की चुनौती का हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया है. ट्वीट कर उन्होंने लिखा है कि हम आपकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठा रहे हैं. लेकिन जिस जल्दबाजी में एनसी और पीडीपी के बीच प्यार बढ़ा और जिस तेजी से सरकार बनाने की कोशिशें चल रही थी उससे संदेह पैदा होता है. आपको चोट पहुंचाना मेरा मकसद नहीं था.

12:15 (IST)

फैक्स मशीन के सवाल पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि कल ईद का मौका था. सभी मुसलमान जानते हैं कि कल छुट्टी थी. सारे ऑफिस बंद थे. मेरा रसोइया तक छुट्टी पर था. फैक्स मशीन को चलाने वाले की बात छोड़ दीजिए. अगर मुझे फैक्स मिल भी जाता तो मैं यही फैसला लेता, जो मैंने लिया है.

12:12 (IST)

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर को बदनाम करने की साजिश हुई है. कश्मीर ने साजिश का खामियाजा भुगता है

12:11 (IST)

हॉर्स ट्रेडिंग के सवाल पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस बात की जांच करवाई जाए कि कौन लोग पैसे के लेन-देन में लगे हुए थे. राज्यपाल ये बताएं कि उन्हें इसकी जानकारी कहां से मिली. वो लोग कौन थे जो हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे थे.

12:10 (IST)

आज हमसे पूछा जा रहा है कि अपने से अलग विचारधारा वाली पीडीपी के साथ जाने को हम कैसे तैयार हुए. पहले वो ये बताएं कि जब बीजेपी-पीडीपी का गठबंधऩ बना था उस वक्त ये सवाल क्यों नहीं उठा- उमर अब्दुल्ला

12:08 (IST)

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल के पास कैसा फैक्स मशीन है कि वो वनवे काम करता है. उससे सिर्फ आउटगोइंग होती है, इनकमिंंग नहीं होती है.

12:07 (IST)

राज्यपाल ने कल के ही दिन विधानसभा भंग क्यों किया, इस सवाल के जवाब में उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि कल ईद का मुबारक मौका था, इसलिए उन्होंने कल का दिन चुना.

12:06 (IST)

राज्यपाल ने अपने फैसले के खिलाफ विपक्ष के कोर्ट में जाने के सवाल पर कहा कि वो कोर्ट में जा सकते हैं. लेकिन जो लोग पिछले 5 महीने से विधानसभा भंग किए जाने की बात कर रहे थे वो अब फैसले का विरोध क्यों कर रहे हैं?

12:05 (IST)

अमर अब्दुल्ला भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि वो कश्मीर की आवाम की भलाई के लिए पीडीपी के साथ आने को तैयार हुए थे. लेकिन बीजेपी ने विधानसभा भंग करवा दी.

12:03 (IST)

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि उन्होंने कश्मीर के हितों को देखते हुए फैसला लिया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग हो रही थी, उन्हें धमकाया जा रहा था.

11:56 (IST)

जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग करने के राज्यपाल के फैसले पर राजनीति तेज हो गई है. अब उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी महासचिव राम माधव को अपना बयान साबित करने या फिर माफी मांगने को कहा है. राम माधव ने कहा था कि हो सकता है कि पीडीपी और एनसी को मिलकर सरकार बनाने का निर्देश सीमा पार से मिला होगा. क्योंकि ये अभी तक लोकल बॉडी के चुनावों का बहिष्कार कर रहे थे.

11:20 (IST)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने राज्यपाल के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा था कि जब तक किसा ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था, तब तक वो विधानसभा चला रहे थे, लेकिन जैसे ही किसी ने दावा पेश किया, उन्होंने असेंबली भंग कर दी. उन्होंने बोला कि अब गवर्नर को बस गुजरात मॉडल ही पसंद है.

11:12 (IST)

उमर अब्दुल्ला ने राम माधव से या तो आरोप साबित करने या माफी मांगने को कहा है.

11:10 (IST)

उमर अब्दुल्ला ने राम माधव के इस बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि 'अगर बीजेपी को लगता है कि हम पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे हैं, तो वो जांच करा लें. रॉ, आईबी और एनआईए सबकुछ तो उनके पास है.'

11:02 (IST)

न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जम्मू-कश्मीर में 2019 में चुनाव हो सकते हैं. आम चुनावों के साथ ही राज्य के विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.

10:54 (IST)

उन्होंने ये भी दावा किया कि महबूबा मुफ्ती ने बस चिट्ठी लिखकर मिलने और दावे पर बात करने के लिए मिलने की बात की थी, सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था. उन्होंने कहा कि वो फैक्स की जगह आदमी भी भेज सकती थीं.

10:48 (IST)

न्यूज18 की खबर के मुताबिक, बीजेपी के महासचिव राम माधव ने विधानसभा भंग होने की आलोचना कर रही पीडीपी-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि पहले वही विधानसभा भंग कराना चाहते थे, लेकिन अब उन्हें दिक्कत हो रही है. उन्होंने ये भी कहा कि विपक्ष पाकिस्तान के इशारे पर एकजुट हो गया है.

10:42 (IST)

इस पर राज्यपाल ने कहा कि मशीनें कभी-कभी काम नहीं करती हैं. ईद पर कोई भी कर्मचारी फैक्स मशीन के पास तो नहीं रहेगा. महबूबा मुफ्ती को चिट्ठी एक दिन पहले भेजनी चाहिए थी. हालांकि महबूबा मुफ्ती ने दावा किया है कि उन्होंने राज्यपाल के नाम ईमेल भी किया था.

10:39 (IST)

महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि उन्होंने विधानसभा में फैक्स करके सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन राज्यपाल ने फैक्स रिसीव किया, न ही उन्हें कोई जवाब दिया गया. 

10:29 (IST)

राज्यपाल मलिक ने ये भी कहा कि बस सरकार बनाने की जुगत के लिए हॉर्स ट्रेंडिंग और पैसों के लेन-देन की आशंकाएं थीं, ऐसे में वो ऐसे अवैध तरीके से सरकार बनने नहीं दे सकते थे.

10:27 (IST)

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने इस कदम के बचाव में सीएनएन न्यूज से कहा कि उन्होंने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि वो राज्य में ऐसी गठबंधन सरकार बनने का अधिकार नहीं दे सकते, जो काम करने के योग्य न हो. उन्होंने कहा कि 'यह मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं राज्य को ऐसी परेशानियों से बचाऊं. ये फैसला सोच-समझकर लिया गया है, जल्दबाजी में नहीं.' 

10:09 (IST)

राज्य के बीजेपी चीफ रविंदर रैना ने बताया कि पार्टी ने सभी विधायकों की एक मीटिंग बुलाई है और आगे क्या करना है, इस पर फैसला लिया जाएगा. बीजेपी चाहती है कि राज्य के विधानसभा चुनाव मार्च में होने वाले लोकसभा चुनावों के साथ ही हों.

10:07 (IST)

विधानसभा भंग होने के बाद बीजेपी ने अपने विधायकों की मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.

10:07 (IST)

बुधवार को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी, जिसके बाद से अब राज्य विधानसभा चुनाव होने के विकल्प की ओर बढ़ गया है.

जम्मू-कश्मीर में तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट के बीच भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. अब तक पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के भरोसे राज्य में सरकार बनाने की गुपचुप जुगत में जुटी बीजेपी की कोशिशों के बीच राज्य के राज्यपाल सत्यपास मलिक ने बुधवार की रात साढे़ नौ बजे विधानसभा भंग कर दी. अब राज्य में चुनाव ही एक विकल्प बचा है.

उधर, तीसरे मोर्च की सरकार बनाने की बातें भी हो रही हैं. कहा जा रहा है कि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बना सकती हैं और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस इस सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती हैं.


पीडीपी के पास 28 विधायक हैं. जबकि नेशनल कांफ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के 12 विधायक हैं. तीनों पार्टियों के पास कुल मिलाकर 44 विधायक हैं. यह संख्या बहुमत से काफी ज्‍यादा है.

इस हलचल के बीच बीजेपी ने अपने सभी विधायकों की मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में पार्टी विचार-विमर्श करने के बाद अपना अगला कदम उठाएगी.

बीजेपी के जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष रविंदर रैना ने बताया कि पार्टी ने अपने विधायकों की मीटिंग बुलाई है और इस मीटिंग ेक दौरान ही फैसला लिया जाएगा कि अब क्या करना है. उन्होंने कहा कि पार्टी चाहती है कि राज्य में अगले लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी हो.

अब देखना है कि बीजेपी आखिर इस मीटिंग में क्या फैसला लेती है और तीसरा मोर्चा अस्तित्व में आता है या नहीं.