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जम्‍मू कश्‍मीर: राज्यपाल ने विधानसभा भंग की, सरकार बनाने की संभावना खत्म

पीडीपी ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सपोर्ट से और पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने बीजेपी के सपोर्ट से सरकार बनाने का दावा पेश किया तो राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी. सरकार बनाने की संभावना खत्म अब चुनाव कराए जाएंगे

FP Staff

जम्‍मू कश्‍मीर में राजनीतिक उथलपुथल अपने चरम पर पहुंच गई है. बीजेपी के खिलाफ पूरा विपक्ष एकसाथ आकर सरकार बनाने की तैयारी में था लेकिन उनकी यह रणनीति भी काम नहीं आ पाई. पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ जैसे ही सरकार बनाने का दावा पेश किया पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी अपना दावा पेश कर दिया.

मुफ्ती का दावा था कि उनके पास 56 विधायकों का सपोर्ट है. हालांकि बुधवार रात 8.30 बजे सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए कहा कि पीडीपी के 18 विधायक उनके साथ हैं. अभी यह कयास लगाए ही जा रहे थे कि सरकार बनाने का मौका किसे मिलेगा? तब तक जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी.


अब क्या होगा? 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद अब किसी भी पार्टी को सरकार बनाने का मौका नहीं मिलेगा. राज्य में अब चुनाव कराए जाएंगे. राज्यपाल के इस फैसले से विपक्षी पार्टियों में आक्रोश है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला का कहना है कि पिछले 5 महीनों से हम विधानसभा भंग करने की मांग कर  रहे थे तब यह फैसला नहीं लिया गया. आज हमने जैसे ही सरकार बनाने का दावा पेश किया विधानसभा भंग कर दी गई.

वहीं पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का कहना है, 'अगर हमें मौका मिलता तो हम अपने नंबर साबित करते.' इससे पहले उन्होंने गवर्नर सत्यपाल मलिक को भेजे लेटर में लिखा था, 'मीडिया में आई खबरों से आपको यह पता चल गया होगा कि कांग्रेस और NC ने PDP को सपोर्ट करने का फैसला किया है.'

BJP के सपोर्ट से सज्जाद लोन ने पेश किया था दावा 

पीडीपी के दावा पेश करने के कुछ ही देर बाद पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा करते हुए गवर्नर को लेटर भेज दिया था. पहले जहां पीडीपी ने सरकार बनाने के दावा पेश किया था. वहीं सज्जाद लोन की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने भी बीजेपी के समर्थन से राज्य में सरकार बनाने का दावा कर दिया.

पीडीपी के बागी नेता इमरान अंसारी का दावा था कि पार्टी के 18 विधायक उनके साथ हैं. इससे पहले बुधवार सुबह यह खबर आई थी कि पीडीपी के नेता मुजफ्फर बेग भी सज्जाद लोन के सपोर्ट में आ गए हैं.

पीडीपी के सीएम भी तय हो गए थे

महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP के सीनियर नेता अल्ताफ बुखारी को सीएम बनाने का फैसला भी कर लिया था. बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक के बाद बुखारी का नाम फाइनल किया गया था.

बुधवार सुबह बैठक के बाद अल्ताफ बुखारी ने कहा था, यह पक्का हो चुका है कि तीनों पार्टियां (कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस) गठबंधन करके राज्य की खास पहचान को बचाए रखने का प्रयास करेंगी. बहुत जल्द आपको अच्छी खबर मिलेगी.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी द्वारा पीडीपी के विधायकों को तोड़ने की कोशिशों को देखते हुए यह कदम उठाया जा सकता है. बीजेपी तोड़े गए विधायकों की मदद से अपने सहयोगी सज्‍जाद लोन की पार्टी पीपुल्‍स कांफ्रेंस के नेतृत्‍व में सरकार बनाने की कोशिशें कर रही हैं.

19 दिसंबर को खत्म होगा राज्यपाल शासन

राज्य में फिलहाल राज्यपाल शासन है. 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन की 6 महीने की मियाद पूरी हो रही है. और इसे और अधिक बढ़ाया नहीं जा सकता है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 87 सदस्यीय विधानसभा को भंग नहीं करने का फैसला किया है. ऐसे में 19 दिसंबर तक यदि कोई पार्टी सरकार बनाने पर सहमत नहीं होती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लाया जा सकता है.

इस साल 16 जून को पीडीपी-बीजेपी गठबंधन से बीजेपी अलग हो गई थी. जिसके बाद से यहां राज्यपाल शासन लगा हुआ है.