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बीजेपी ने लोकसभा में उठाया समझौता एक्सप्रेस का मुद्दा

बीजेपी सदस्यों ने लोकसभा में समझौता एक्सप्रैस मामल की जांच की मांग की है

Bhasha

लोकसभा में बीजेपी सदस्यों ने समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मुद्दे को उठाया और पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर इस मामले में पाकिस्तान की भूमिका को दबाने का आरोप लगाया और इस संबंध में तत्कालीन गृह मंत्री समेत सभी मामलों की जांच करने की मांग की.

शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में जो तथ्य सामने आए हैं, उसमें फर्स्ट इंफोर्मेशन ऑफिसर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पकड़े गए संदिग्ध को ऊपर के दबाव में छोड़ा गया.


तत्कालीन गृह मंत्री पर साधा निशाना 

उन्होंने कहा कि नई दिल्ली और पाकिस्तान के लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट आतंकी संगठन सिमी और पाकिस्तान की साजिश का परिणाम था. लेकिन तत्कालीन गृह मंत्री ने अपने दफ्तर का दुरुपयोग किया. ऐसे लोगों का साथ दिया गया जो देश के खिलाफ काम कर रहे थे. ‘क्या विरोध करने के नाम पर कोई दल इस हद तक जा सकता है कि देश विरोधी तत्वों का साथ दे.’ अग्रवाल ने कहा कि देश के प्रति दुश्मनी रखने वालों के साथ खड़े होने की जांच की जाए. तब के गृह मंत्री की क्या भूमिका थी, इसकी भी जांच की जाए.

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन हमारे विरोध में खड़ा है और इनके नेता उस देश के राजदूत से मिलने जाते हैं. बीजेपी सदस्य ने कहा कि समझौता एक्सप्रेस हादसा 10 साल पुरानी घटना है. उस समय जांच में पाकिस्तान के दो संदिग्धों के शामिल होने की बात सामने आई थी.

उन्होंने कहा कि इस मामले में हाल में कुछ खुलासे सामने आए हैं. हमारा कहना है कि तत्कालीन सरकार ने इस मामले में पकड़े गए पाकिस्तानी संदिग्धों को सिर्फ 14 दिनों में कैसे छोड़ दिया. इस मामले में तब गलत रिपोर्ट कैसे पेश कर दी गई. दो पाकिस्तानी संदिग्धों को छोड़ने में इतनी जल्दबाजी क्या थी? उन्होंने आरोप लगाया कि इन्हें छोड़ना तत्कालीन यूपीए सरकार की साजिश थी और इसके बाद ही भगवा आतंकवाद का जुमला गढ़ दिया गया था.

बीजेपी सदस्य ने कहा कि उस समय एक नया शब्द ‘आतंकवाद’ गढ़ दिया. उन्होंने कहा ‘तत्कालीन यूपीए सरकार ने देश के साथ छल किया.’ उन्होंने इस मामले में पूर्ववर्ती सरकार पर पाकिस्तान की भूमिका को दबाने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जाए और दोषियों को दंड दिया जाए.